Cybercrime: यूपी में हर घंटे 250 लोगों को शिकार बना रहे साइबर जालसाज

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Published By Deepak Mishra
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एनसीआरपी के रिकार्ड में साइबर ठगी मामले में यूपी देश में दूसरा राज्य

इंद्र भूषण दुबे/ लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में हर घंटे 250 लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। केंद्र सरकार की नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के रिकार्ड के अनुसार, साइबर ठगी के मामले में देश में दूसरा राज्य उप्र. है। पहले स्थान पर महाराष्ट्र है।

वहीं तीसरे पर कर्नाटक है। रिकार्ड के अनुसार, देश में साइबर ठगी के 38 लाख से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं। इसमें करीब डेढ़ लाख के आसपास मामले यूपी में दर्ज है। वहीं यूपी में साइबर अपराध के हॉटस्पॉट दो से बढ़कर एक दर्जन से अधिक हो गये हैं। साथ ही अपराध का तरीका भी काफी बदल गया है। पुलिस ने भी तकनीकी रूप से घेराबंदी शुरू कर दी है, जिसके कारण काफी मामलों का खुलासा भी हो रहा है।

साइबर अपराधियों के निशाने पर महानगरीय इलाकों के साथ ग्रामीण इलाके भी आ गये हैं। एक वर्ष पूर्व तक जहां साइबर अपराध के हॉटस्पॉट के रूप में नोएडा, मथुरा को चिह्नित किया गया था। वहीं, इस सूची में अब लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज जैसे कमिश्नरेट भी शामिल किये गये हैं। यहां पर साइबर अपराध तेजी से बढ़ा है। 

इसके अलावा गोरखपुर, जौनपुर, कुशीनगर, मऊ, मिर्जापुर, कानपुर देहात, आगरा, अयोध्या, बस्ती जैसे जिलों में भी साइबर अपराधों में तेजी आई है। यूपी पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि पिछले वर्ष 66,854 मामले दर्ज किये गये थे। वहीं वर्ष 2025 में जून तक साइबर अपराध के कुल 1.19 लाख शिकायतें दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में दो गुना है।

साइबर अपराध का बदला तरीका

अपराधियों ने तरीकों में भी बदलाव किया है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक है। जहां ठग पुलिस, सीबीआई व आईबी समेत देश की बड़ी सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी बनकर करोड़ों रुपये ठग रहे हैं। इसके अलावा यूपीआई फ्राड (नकली क्यूआरकोड, कलेक्ट रिक्वेस्ट, स्क्रीन-शेयरिंग ऐप्स), फर्जी जॉब ऑफर, गेमिंग ऐप, ओलएक्स, ग्राहक सेवा केंद्र के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की जा रही है। 

वहीं, यूपी में फिशिंग लिंक, फर्जी डिलीवरी मैसेज, स्पूरियस बैंकिंग अलर्ट के जरिये धोखाधड़ी के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है। साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव के मुताबिक, साइबर अपराध के तरीके में बदलाव हुआ है। पुलिस भी आधुनिक तकनीकी से कई बड़े गिरोहों का खुलासा किया। जिनके तार विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों से जुड़े हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि किसी भी तरह के लिंक पर बिना सोचे समझे क्लिक न करें। किसी को गोपनीय जानकारी न दें।

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