ऊर्जा निगमों का 15,569 करोड़ बकाया बिल अदा नहीं कर रहे सरकारी विभाग, उपभोक्ता परिषद ने किया खुलासा
लखनऊ, अमृत विचार। ऊर्जा निगमों का 15,569 करोड़ बकाया बिल सरकारी विभाग अदा नहीं कर रहे हैं। इनमें निजीकरण प्रक्रिया में शामिल दोनों निगमों पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत निगम का कुल सरकारी बकाया 8591 करोड़ है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि अगर सरकारी विभाग बकाया अदा कर दें, तो ऊर्जा निगम घाटे से ऊबर जाएंगे। घाटे के नाम पर शुरू की गई निजीकरण प्रक्रिया की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
उपभोक्ता परिषद की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले छह महीने का कुल सरकारी बकाया लगभग 4500 करोड़ है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि केवल सरकारी बकाया ऊर्जा निगमों को सरकार तुरंत दे दे, तो निगमों की वित्तीय स्थिति ठीक हो जाएगी और फिलहाल अगले दो वित्तीय वर्षों में कोई दिक्कत नहीं आएगी। ऊर्जा निगम बहुत आसानी से अपना कार्य कर सकेंगे। निजीकरण की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि देश के बड़े निजी घरानों को पता है कि सरकारी विभागों का बकाया तो मुफ्त मिल जाएगा, इसलिए निजीकरण के लिए निजी घराने सक्रिय हैं। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि यह तब है जब सभी ऊर्जा निगमों में अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक पदों पर प्रदेश सरकार के आईएएस अफसर कार्यरत हैं। इसके बाद भी सरकारी विभागों का बकाया की वसूली नहीं हो पा रही है।
ऊर्जा निगम कुल सरकारी बकाया
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम 5398 करोड़
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम 3193 करोड़
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम 3895 करोड़
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम 1832 करोड़
कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी केस्को 1250 करोड़
कुल 15,569 करोड
