बाढ़ में फंसी ज़िंदगी, राहत लेकर पहुंचे मंत्री नन्दी : हर संभव मदद का भरोसा, बोले-अकेले नहीं हैं आप

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
On

प्रयागराज, अमृत विचार : जिले में लगातार बढ़ते जलस्तर के बीच उत्तर प्रदेश सरकार एक्शन मोड में है। सोमवार को प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता 'नन्दी' ने करछना तहसील के बाढ़ प्रभावित कटका डेरा गांव का निरीक्षण किया। मंत्री ने मौके पर पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों का हालचाल जाना और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

बाढ़ चौकियों पर सतर्कता और राशन की व्यवस्था का निर्देश : निरीक्षण के दौरान मंत्री नन्दी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जलस्तर की सतत निगरानी की जाए और प्रभावित क्षेत्रों में सूखा राशन, पीने का पानी और मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था तुरंत की जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों से समन्वय बनाकर जरूरतमंदों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।

सरकार हर पीड़ित के साथ : मंत्री नन्दी ने कहा कि "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार आपदा की इस घड़ी में पूरी तरह से मुस्तैद है। हर प्रभावित तक राहत पहुंचाई जाएगी और प्रशासनिक अमला पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य कर रहा है।"

🔸 राहत शिविरों की तैयारी तेज, प्रशासन सतर्क
🔸 नदी किनारे बसे गांवों पर विशेष फोकस, मवेशियों को चारा पहुंचाने के निर्देश
🔸 ग्रामीणों को समय रहते निकालने की रणनीति पर काम जारी

बाढ़ में डूबे मोहल्ले, नावों के सहारे जिंदगी

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से करीब दो मीटर ऊपर पहुंच गया है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के चलते जिले के 107 मोहल्ले और गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। कई क्षेत्रों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है और करीब दो दर्जन मोहल्लों में गलियों में नावें चल रही हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए 159 नावों को लगाया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं।

राहत शिविरों में शरण ले रहे लोग, छात्र और परिवार फंसे : शहर के विभिन्न हिस्सों में 18 राहत शिविरों की स्थापना की गई है, जहां अब तक 7000 से अधिक लोग शरण ले चुके हैं। सबसे गंभीर स्थिति छोटा बघाड़ा क्षेत्र में देखी जा रही है, जहां बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र किराए के कमरों में रहते हैं। कई मकान मालिक भी चोरी के डर से घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

राहत साम्रगी

स्थानीय समाजसेवी बने सहारा, नाव से पहुंचा रहे राहत सामग्री : प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि और समाजसेवी भी राहत कार्यों में जुटे हैं। नाव के माध्यम से दूध, ब्रेड, बिस्कुट, पानी और अन्य जरूरी वस्तुएं बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाई जा रही हैं। कुछ इलाकों में प्रशासनिक राहत अभी तक नहीं पहुंची है।

उड़नदस्ते ने लिया स्थिति का जायजा : प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई निरीक्षण किया। वहीं, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने करछना क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों का भ्रमण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने भी राहत शिविरों और प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

प्रशासन की अपील: जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, सतर्क रहें : प्रशासन की ओर से आमजन से अपील की गई है कि जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए लोग सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। बाढ़ चौकियों के माध्यम से निगरानी लगातार जारी है। जरूरत पड़ने पर लोगों को शिविरों में स्थानांतरित किया जाएगा।

यह भी पढ़ें:-बाराबंकी में 24 घंटे की मूसलाधार बारिश के बाद मिली राहत, अब बूंदा-बांदी का साथ… जलभराव ने बढ़ाई मुश्किलें

 

संबंधित समाचार