अविश्वसनीय! शानदार अप्रोच..सिराज की गेंदबाजी से इंप्रेस हुए सचिन, कही ये बड़ी बातें
अमृत विचार : राहुल के बारे में तेंदुलकर ने कहा, ''वह शानदार थे, शायद मैंने उन्हें इससे बेहतर बल्लेबाज़ी करते कभी नहीं देखा। जिस तरह वह शरीर के पास डिफेंस कर रहे थे, वह बहुत ही व्यवस्थित तरीके से गेंद छोड़ रहे थे। उन्हें पता था कि उनका ऑफ स्टंप कहां है और किन गेंदों को छोड़ना है। मुझे कभी-कभी ऐसा लगा कि वह गेंदबाज को निराश कर रहे थे कि अब उन्हें कहां गेंदबाजी करनी चाहिए अगर वह इतनी गेंदें छोड़ रहे हैं। और जब गेंद स्ट्राइकिंग रेंज में थी तो उन्होंने कुछ शानदार शॉट्स खेले। मुझे लगा वह उस जोन में थे, शांत और संयमित।''
गेंदबाजों में सिराज ने तेंदुलकर को प्रभावित किया। सिराज दोनों टीमों में एकमात्र गेंदबाज थे जिन्होंने सभी पांच टेस्ट खेले और कुल 1113 गेंदें डालीं, जो किसी भी अन्य गेंदबाज से 361 ज्यादा थीं। वह 23 विकेट लेकर सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। दो टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में उन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़ी।
तेंदुलकर ने कहा, ''अविश्वसनीय। शानदार अप्रोच। मुझे उनका एटीट्यूड पसंद है। मुझे उनके पैरों की उछाल पसंद है। एक तेज गेंदबाज के लिए लगातार ऐसे सामने बने रहना, कोई भी बल्लेबाज उसे पसंद नहीं करेगा। और जिस तरह से उन्होंने आखिरी दिन तक अप्रोच रखा, मैंने कमेंटेटरों को भी कहते सुना कि वह सीरीज में 1000 से ज्यादा गेंदें डालने के बाद भी आखिरी दिन लगभग 90 मील प्रति घंटे (145 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे। यह उसके साहस और बड़े दिल को दिखाता है।''
जिस तरह से उन्होंने आखिरी दिन की शुरुआत की, वह शानदार थी। वह हमेशा से अहम भूमिका निभाते आए हैं। जब भी हमें उनकी जरूरत होती है, जब भी हम चाहते हैं कि वह नॉकआउट पंच दे, वह लगातार ऐसा करते हैं और इस सीरीज में भी वैसा ही हुआ। जिस तरह से उन्होंने विकेट लिए और प्रदर्शन किया, उन्हें वह सम्मान नहीं मिलता जो उन्हें मिलना चाहिए।''
राहुल के बैटिंग पार्टनर जायसवाल ने टूर की शुरुआत लीड्स में शतक से की और ओवल में भी शतक लगाकर समाप्त किया। इस बीच उन्होंने दो अर्धशतक भी लगाए और पांचवें टेस्ट में उनके शतक को विशेष रूप से सराहा गया, जहां उन्होंने नाइटवॉचमैन आकाश दीप के साथ अहम शतकीय साझेदारी की।
जायसवाल ने सीरीज में 41.10 की औसत से 411 रन बनाए। तेंदुलकर ने कहा, ''मैं यशस्वी के मानसिक दृष्टिकोण से प्रभावित हुआ। वह निडर बल्लेबाज हैं और उन्हें पता है कि कब तेजी से रन बनाने हैं, कब समय निकालना है और कब नॉन-स्ट्राइकर एंड पर जाना है। उन्होंने पहले टेस्ट में एक मुश्किल पिच पर शतक बनाया, जहां गेंद थोड़ा हिल रही थी। जितना हम सोच रहे थे उतना ज्यादा नहीं, लेकिन उन्होंने वहां अहम भूमिका निभाई।''
आख़िरी टेस्ट में उन्होंने एक मुश्किल पिच पर शानदार शतक बनाया। पहले की पिचें इतनी चुनौतीपूर्ण नहीं थीं, लेकिन आख़िरी वाली बल्लेबाजी के लिए कठिन थी। उन्होंने बहुत चरित्र, परिपक्वता और संकल्प दिखाया। जिस तरह से वह आकाश दीप का मार्गदर्शन कर रहे थे... एक बल्लेबाज की ज़िम्मेदारी सिर्फ अपना रन बनाना नहीं होता, यह भी होता है कि आप साझेदारी कैसे बनाते हैं। उन्होंने आकाश दीप को प्रेरित करने की भूमिका निभाई। कुल मिलाकर, यशस्वी के लिए यह शानदार सीरीज थी। उन्हें देखना आंखों के लिए सुखद अनुभव था।
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