कानपुर : इस्पात नगर में सीवर, लाइट और सड़क की अलग-अलग बनेगी डीपीआर
12 करोड़ रुपये से क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी, बरसात में नरकीय स्थिति में रह रहे उद्यमी
नगर निगम ने जलकल, मार्गप्रकाश और पीडब्ल्यूडी को जल्द डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट,
कानपुर, अमृत विचार। इस्पात नगर की तस्वीर जल्द बदलेगी। सड़कें चलने लायक होंगी, ड्रेनेज व्यवस्था दुरुस्त होगी और रात में होने वाले घुप अंधेरे से व्यापारियों और उद्यमियों के साथ यहां कार्य करने वाले हजारों कर्मचारियों को निजात मिलेगी। क्षेत्र की तस्वीर बदलने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू हो गई है। क्षेत्र में सीवर, लाइट और सड़क के निर्माण के लिए अलग-अलग डीपीआर बनेगी। नगर निगम ने इसके लिए जलकल, मार्गप्रकाश और पीडब्ल्यूडी को पत्र भेजकर जल्द डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए कहा है, ताकि शासन से स्वीकृति के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जा सके।
इस्पात नगर की आधारभूत संरचना के लिए पिछले दिनों उद्योग बंधु की बैठक में 12 करोड़ रुपये का प्रस्ताव स्वीकृत करने के बाद बनाने के निर्देश दिए गए हैं। फीटा के साथ बैठक के बाद जिलाधिकारी जेपी सिंह ने पीडब्ल्यूडी को डीपीआर बनाने के निर्देश दिए थे। क्योंकि सड़क, सीवर और मार्गप्रकाश के कार्य को अलग-अलग विभागों को करना है। इसलिए नगर निगम जोन 5 के अधिशाषी अभियंता कमलेश पटेल को डीपीआर बनवाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
निरीक्षण में खस्ताहाल मिली थीं सड़कें : पिछले दिनों अपर नगर आयुक्त, उपायुक्त उद्योग, मुख्य अभियन्ता नगर निगम ने इस्पात नगर क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया था। यहां पाया गया कि सभी सडकों की स्थिति अत्यंत दयनीय एवं क्षतिग्रस्त है। बरसात में जलभराव हो रहा है। नागरिकों को आवागमन के साथ दुर्घटनाओं की आशंका है। यातायात बाधित होने से कारोबार प्रभावित है। इसपर नगर निगम ने सड़कों की मरम्मत करने के लिए अब डीपीआर बनाने के लिए कहा है।
नई स्ट्रीट लाइट लगेंगी, सीवर लाइन भी पड़ेगी : इस्पात नगर क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट खराब है। रात होते ही गहरा अंधेरा होता है। इससे श्रमिकों, उद्यमियों एवं स्थानीय नागरिकों को आवागमन में दिक्कत होती है। इससे घटनाएं होने का डर रहता है। नगर नगम ने नई लाइटों को लगाने का डीपीआर बनाने की शुरुआत की है। इसके साथ ही इस्पात नगर में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है। सीवर लाइन तो डाली ही नहीं गई है। जिससे क्षेत्र में गंभीर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। अब यहां नई सीवर लाइन डालने के साथ ही जलनिकासी की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।
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