उत्तर प्रदेश में स्थापित होंगी तीन नई Private Universities, विदेशी उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजना को भी मंजूरी
लखनऊ, अमृत विचारः उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई है। इनमें तीन नई निजी यूनिवर्सिटियों की स्थापना और आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना शामिल है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने इन निर्णयों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि ये कदम राज्य में शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाएंगे।
तीन नई निजी यूनिवर्सिटियों के नाम और स्थान
राज्य में तीन नई निजी यूनिवर्सिटियों को मंजूरी दी गई है। ये हैं: मुजफ्फरनगर में वेदांत विश्वविद्यालय, बाराबंकी में बोधिसत्व विश्वविद्यालय और मथुरा में केडी विश्वविद्यालय।
1. वेदांत विश्वविद्यालय, मुजफ्फरनगर
मंत्रिमंडल ने मुजफ्फरनगर में वेदांत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आशय पत्र को मंजूरी दे दी है। इसे लाला फतेहचंद चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाएगा। विश्वविद्यालय 23.33 एकड़ भूमि पर बनेगा, जो शहरी क्षेत्रों के लिए निर्धारित 20 एकड़ की शर्त से अधिक है। उच्च शिक्षा विभाग और राज्य स्तरीय विशेषज्ञ समिति ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। ट्रस्ट को दो वर्षों के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी कर संचालन शुरू करना होगा।
2. बोधिसत्व विश्वविद्यालय, बाराबंकी
बाराबंकी में बोधिसत्व विश्वविद्यालय को उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) अधिनियम के तहत सभी शर्तें पूरी करने के बाद संचालन की अनुमति मिल गई है। पर्याप्त भूमि और नियामक मंजूरी के साथ यह विश्वविद्यालय अब शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने के लिए तैयार है।
3. केडी विश्वविद्यालय, मथुरा
मथुरा में केडी विश्वविद्यालय, जो पहले से ही एक डेंटल कॉलेज संचालित करता है, को पूर्ण विश्वविद्यालय के रूप में कार्य शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। इसके पास 50 एकड़ से अधिक भूमि है, जो शहरी क्षेत्रों के लिए आवश्यक 20 एकड़ से कहीं ज्यादा है। सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी होने के साथ-साथ संबंधित समितियों की सिफारिशें भी प्राप्त हो चुकी हैं।
विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति योजना
मंत्रिमंडल ने ब्रिटिश सरकार के सहयोग से 'भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी शिवलिंग उत्तर प्रदेश राज्य छात्रवृत्ति योजना' को मंजूरी दी है। यह योजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान से प्रेरित है और इसका लक्ष्य आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों को विदेश में मास्टर डिग्री हासिल करने में सहायता करना है।
ब्रिटिश काउंसिल और यूके के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (FCDO) के सहयोग से यह योजना हर साल पांच छात्रों को यूके के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों जैसे ऑक्सफोर्ड, एलएसई, इंपीरियल कॉलेज लंदन और किंग्स कॉलेज लंदन में मास्टर डिग्री के लिए प्रायोजित करेगी।
छात्रवृत्ति की मुख्य विशेषताएं
- एक साल की मास्टर डिग्री के लिए पूर्ण वित्तीय सहायता।
- ट्यूशन फीस, परीक्षा और शोध शुल्क, रहने का भत्ता और इकोनॉमी क्लास हवाई यात्रा शामिल।
- उत्तर प्रदेश सरकार और FCDO के प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त चयन प्रक्रिया।
- यह योजना शुरू में तीन शैक्षणिक वर्षों (2025-26, 2026-27 और 2027-28) के लिए लागू होगी, जिसे मार्च 2028 तक नवीनीकृत किया जा सकता है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि 2025-26 के बजट में इस योजना के लिए धनराशि आवंटित की जा चुकी है। यह योजना उन प्रतिभाशाली छात्रों के लिए वरदान साबित होगी, जो आर्थिक तंगी के कारण वैश्विक शिक्षा के अवसरों से वंचित रह जाते हैं।
यह भी पढ़ेंः Huma Qureshi Cousin Murder: दिल्ली में एक्ट्रेस हुमा कुरैशी के चचेरे भाई की हत्या, पार्किंग को लेकर हुआ था विवाद
