हादसे का कारण बन रहे यमराज बनकर खड़े जर्जर पुराने पेड़, जिम्मेदार मौन
बाराबंकी: अमृत विचार। हाईवे समेत मुख्य मार्गाें के किनारे यमराज बनकर खड़े पुराने व जर्जर पेड़ों की ओर जिला प्रशासन व वन विभाग ध्यान देता तो शुक्रवार को हुआ हादसा टल सकता था। गुरुवार को ही जिले में तीन स्थानों पर विशाल पेड़ अचानक धराशायी हो गए, गनीमत यह कि यहां तो जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन शुक्रवार को ऐसा मुमिकन नही हो सका।
बताते चलें कि बाराबंकी लखनऊ, अयोध्या, बहराइच हाईवे के अलावा जिला मुख्यालय से तहसीलों को गए मार्गाें पर सड़क के दोनों ओर हरियाली फैलाते पेड़ जितना सुकून देते हैं, वहीं पुराने व जर्जर हो जाने व लगातार बारिश के चलते यही पेड़ जान के लिए खतरा बनते आए हैं। शुक्र की बात यह कि इनके अचानक गिरने के बावजूद संयोगवश कोई हादसा सामने नहीं आया पर शुक्रवार को अनहोनी घट ही गई।
इससे एक दिन पूर्व गुरुवार को जिले में तीन जगहों पर पुराने पेड़ बारिश व अधिक उम्र होने की वजह से सड़क पर गिर पड़े, जो लंबे जाम की वजह बन गए। यह मांग लगातार उठती रही है कि सड़क किनारे जर्जर व पुराने पेड़ों को चिन्हित कर इन्हे हटा दिया जाए लेकिन यह मांग सुनवाई के दायरे में नही आ सकी। न इसके लिए जिम्मेदार वन विभाग ने कोई कदम उठाया और न ही जिला प्रशासन की नजर पड़ी।
बारिश में डटे रहे डीएम व अमला
बेशक घटना काफी दुखद थी, वहीं घटना की जानकारी होते ही कुछ देर बाद मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी दल बल के साथ डटे रहे। सुबह से हो रही बारिश के बावजूद घटनास्थल पर रहकर मातहतों को दिशा निर्देश दिए वहीं राहत कार्य को अपने सामने संपन्न कराया। डीएम की मौजूदगी के चलते अन्य विभागीय अधिकारी भी वहीं बने रहे।
50-50 हजार की तात्कालिक मदद
परिवहन विभाग की क्षेत्रीय सहायक प्रबंधक जमीला खातून ने बताया कि बस में कुल 59 यात्री सवार थे और बस का फिटनेस वैद्य था। सभी मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की तत्कालिक मदद की गई है, परिवहन निगम से बाकी मुआवजे के तौर पर जो निर्देश प्राप्त होगा, वह दिया जाएगा
किसके आदेश पर प्रशिक्षण को बुलाया
शुक्रवार को हुई घटना का एक अहम बिंदु यह भी है कि लगातार बारिश के चलते बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकतर खंड शिक्षा अधिकारियों ने प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों को बुलाने का निर्देश निरस्त कर दिया था लेकिन सिद्धौर ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी ने ऐसा नहीं किया, यही वजह रही कि मनमानी व लापरवाही के चलते ड्यूटी पर जा रही शिक्षिका को जान गवांनी पड़ गई। मृतका शिक्षा के परिजनों के अनुसार बेटी सुबह जल्दी उठकर तैयार होने के बाद यही कहकर निकली कि स्कूल पहुंचना जरूरी है। बुलाया गया है। काश यह पता होता कि वह लौटकर नहीं आएगी।
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