जहां चाह, वहां राह... बाराबंकी की नमिता ने केले की खेती से बदली किस्मत, बनीं प्रेरणा

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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रिशू गुप्ता/ रामसनेहीघाट, बाराबंकी, अमृत विचार। जहां चाह, वहां राह.. इस कहावत को सच कर दिखाया है तहसील क्षेत्र की महिलाओं ने। ब्लॉक बनीकोडर के अंतर्गत लंबवा गांव की रहने वाली और जय माता दी स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य नमिता वर्मा ने न केवल अपनी जिंदगी को एक नई दिशा दी, बल्कि गांव की कई महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गईं।

नमिता ने समूह के माध्यम से मात्र बीस हजार रुपये का बैंक ऋण लेकर केले की खेती से अपनी कृषि यात्रा की शुरुआत की। शुरू में एक बीघा भूमि पर खेती शुरू करने वाली नमिता आज पांच बीघा में सफलतापूर्वक केले की फसल उगा रही हैं। केले की फसल से होने वाले मुनाफे से नमिता अब पूरे परिवार की जिम्मेदारियां पूरी कर रही हैं।

उन्होंने न सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं को भी इस ओर प्रेरित किया। वे उन्हें समझा रही हैं कि कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली केले की खेती, महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने का एक सशक्त माध्यम बन सकती है।

नमिता का सपना है कि गांव की हर महिला आत्मनिर्भर बने और किसी पर निर्भर न रहे। उनकी लगन और मेहनत आज ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी है। उनके प्रयासों से न केवल तहसील बल्कि पूरे जिले में एक सकारात्मक संदेश जा रहा है।

 

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