राजधानी में करीब सवा लाख आवारा कुत्ते, SC के आदेश पर नगर निगम को करनी पड़ेगी मशक्कत

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : शहर में लगभग सवा लाख आवारा कुत्ते हैं। आमजन के लिए वे किसी मुसीबत से कम नहीं। खास तौर पर देर रात आने-जाने वालों के लिए तो वे परेशानी का सबसे बड़ा कारण बने हैं। बाइक सवार लोगों को दौड़ा लेने वाले आवारा कुत्ते आए दिन दुर्घटना करवा देने का सबब भी बन गए हैं। गली-मोहल्लों में आवारा कुत्तों के झुंड अकेला पाकर बच्चों से लेकर बड़ों पर हमला बोलते ही रहते हैं। 

लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा श्वान स्थल बनाने का निर्देश आमजन को काफी राहत देते होते दिख रहा है। लेकिन, राजधानी में एक भी श्वान स्थल नहीं है। यदि श्वान स्थल की कवायद संबंधित विभाग व नगर निगम पूरी कर लेता है तो कुत्तों के आए दिन होने वाले हमलों से लोग जरूर बच जाएंगे। लेकिन, कुत्तों के लिए श्वान स्थल बनाने को नगर निगम के हाथ नियम से बंधे दिखाई दे रहे हैं। 

हाल ही में लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने जोनवार श्वान स्थल बनवाने की बात तो की थी, लेकिन वह मूर्तरूप लेते नहीं दिख रहा है। उन्होंने इसके लिए जमीन चिन्हित करने की बात की तो अवश्य। किंतु, कुत्तों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का मामला उठने पर उन्होंने इसके लिए विधिक सलाह लेने के बाद ही अमल करने को भी कहा था। शिकायत मिलने पर नगर निगम द्वारा कुत्तों को पकड़कर उनका बन्ध्याकरण और टीकाकरण करके दोबारा उसी स्थान पर छोड़ दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद अब लखनऊ नगर निगम भी नई नीति बनाने पर विचार कर सकता है।

यह है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

दिल्ली-एनसीआर में कुत्तों के बढ़ते हमलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी और एनडीएमसी को आदेश जारी किया है। इसके अनुसार सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर दूसरे इलाके में भेजना पड़ेगा। यदि कोई संगठन कुत्तों को जबरन पकड़ने में बाधा डालता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से कहा है कि कुत्तों को हर हाल में श्वान स्थल बनाकर वहीं पर रखा जाए।

नए आदेश के बाद नियम में करना होगा बदलाव

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नियम में बदलाव करना पड़ेगा। नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि अभी नगर निगम सीमा में मानव और कुत्तों के बीच संघर्ष में कमी लाने के लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल गाइडलाइन 2023 तथा उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश के अनुसार कार्य किया जा रहा है। यदि नियमों में कोई परिवर्तन होता है तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जरहरा में 300 कुत्तों की क्षमता का एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर है। कुत्तों को पकड़कर यहां लाया जाता है, टीकाकरण व बन्ध्याकरण किया जाता है। अभी तक 95,335 कुत्तों का बन्ध्याकरण किया जा चुका है।

सवा लाख आवारा कुत्ते, 300 की क्षमता केवल एक एबीसी सेंटर

नगर निगम के अनुमान के मुताबिक शहर में लगभग सवा लाख आवारा कुत्ते हैं, जबकि ऐसे कुत्तों को रखने के लिए 300 की क्षमता का केवल एक जरहरा में एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर है। आवारा कुत्तों को इस सेंटर पर लाकर टीकाकरण और नसबंदी की जाती है। अभी तक लगभग 95335 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। हजारों की संख्या में आवारा कुत्ते मुख्य सड़काें तक गलियों में लोगों के लिए खतरा बने हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन कुत्तों से राहत की उम्मीद बढ़ी है।

नियम में परिवर्तन के बाद नगर निगम नई पॉलिसी बनाने पर करेगा विचार

शहर की गलियों में झुंड के झुंड में घूमने वाले ये आवारा कुत्ते लोगों के लिए खतरा बन गए हैं। रात में ये कुत्ते ज्यादा हमलावर हो जाते हैं। पैदल, बाइक ही नहीं चार पहिया वाहनों पर भी झपट्टा मारते हैं। ये आवारा कुत्ते कई बड़ी घटनाओं को भी अंजाम दे चुके हैं। कार्रवाई के नाम पर नगर निगम के हाथ नियम से बंधे हैं। 

सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश से मिल सकती है राहत

लगातार शिकायत होने पर नगर निगम कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और टीकाकरण उसी स्थान पर छोड़ देता है। दिल्ली एनसीआर में कुत्तों के बढ़ते हमलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश से आम जनता को राहत मिल सकती है। कोर्ट ने कुत्तों को शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया है। कोर्ट के नए आदेश के बाद अब लखनऊ नगर निगम भी नई पॉलिसी बनाने पर विचार कर सकता है।

अभी नगर निगम सीमा में मानव और डॉग के बीच संघर्ष में कमी लाने के लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल गाइडलाइन 2023 तथा उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश के अनुसार कार्य किया जा रहा है। यदि नियमों में कोई परिवर्तन होता है तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।-डॉ. अभिनव वर्मा, पशु कल्याण अधिकारी , नगर निगम

शेल्टर होम बनाने की महापौर ने की थी घोषणा

लखनऊ नगर निगम में अभी तक कुत्तों के लिए एक भी शेल्टर होम नहीं है। महापौर सुषमा खर्कवाल ने आवारा कुत्तों की समस्या को देखते हुए कुछ दिन पहले जोनवार शेल्टर होम बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने बताया था कि इसके लिए जमीन चिन्हित की जाएगी। कुत्तों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का मामला उठने पर उन्होंने इसके लिए विधिक सलाह लेने के बाद ही अमल करने को कहा था।

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