बच्चों को खाना खिलाना... एक चुनौती, इंस्टाग्राम पर न खोजें हल, देखें क्या कहती है रिसर्च
एडिलेड। बच्चों को खाना खिलाना कई परिवारों के लिए रोज़मर्रा की जंग जैसा है। कभी बच्चे अचानक अपनी पसंदीदा डिश को नकार देते हैं, तो कभी दिन भर कुछ न कुछ खाने से चिड़चिड़े हो जाते हैं। भाई-बहनों के बीच खाने की मेज पर तकरार भी आम है। लेकिन, अगर माता-पिता या देखभाल करने वाले इस समस्या का हल सोशल मीडिया पर तलाशने की सोचते हैं, तो यह फायदे से ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है। इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर बच्चों को खाना खिलाना बेहद आसान और आकर्षक लगता है। हमारे हालिया शोध से पता चला है कि इंस्टाग्राम पर ऐसी सामग्री की भरमार है, जो भोजन के समय को अवास्तविक और आदर्श रूप में पेश करती है। इससे माता-पिता पर और अधिक दबाव पड़ सकता है।
शोध क्या बताता है?
शोधकर्ताओं का कहना है कि बच्चों को खाना खिलाने के मामले में माता-पिता को कई तरह के दबाव झेलने पड़ते हैं, लेकिन उन्हें इस बात की कम जानकारी होती है कि सोशल मीडिया इन दबावों को और बढ़ा सकता है। यह समझने के लिए कि पारिवारिक भोजन को सोशल मीडिया पर कैसे दिखाया जाता है, हमने इंस्टाग्राम का विश्लेषण किया। करीब दो अरब उपयोगकर्ताओं वाले इस प्लेटफॉर्म पर खाने-पीने से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो की बाढ़ है। अपने अध्ययन में, हमने फरवरी से मई 2024 तक 14 हफ्तों के दौरान हर हफ्ते पारिवारिक भोजन से जुड़ी 15 पोस्ट का विश्लेषण किया गया।
खाने की थाली में रंग-बिरंगी सजावट
ज़्यादातर पोस्ट में खाने की चीजें, आमतौर पर खूबसूरती से सजी थालियां, खाना बनाने की प्रक्रिया या रेसिपीज दिखाई गईं। कई पोस्ट में पांच मुख्य खाद्य समूहों से बने "स्वस्थ" खाने को दर्शाया गया। हैरानी की बात यह थी कि “फैमिली ब्रेकफास्ट” हैशटैग वाली पोस्ट में अक्सर "अस्वस्थ" खाद्य पदार्थ जैसे पैनकेक और वेफल्स दिखे। लेकिन, रोजमर्रा के वास्तविक पारिवारिक भोजन को बढ़ावा देने वाली पोस्ट बहुत कम थीं। ज़्यादातर तस्वीरों में चमचमाते रसोईघर, सजावटी भोजन और परफेक्ट खाने का माहौल दिखाया गया। नैतिक कारणों से हम अपने शोध से जुड़ी पोस्ट को सार्वजनिक नहीं कर सकते। इंस्टाग्राम पर ऐसी तस्वीरें कम ही थीं, जिनमें खाना बनाते समय बच्चे का मां के पैरों से लिपटना या भूख के कारण उसका चिड़चिड़ाना दिखे। रसोई में बिखरा सामान भी इन तस्वीरों में मुश्किल से नजर आया। असल में, परिवार का खाना अक्सर जल्दबाज़ी में तैयार होता है। स्कूल की आवाजाही, खेल-कूद या अन्य गतिविधियों के चलते ऐसा होता है। ऐसे में जल्दी बनने वाला खाना बच्चों की सेहत के लिए ठीक नहीं हो सकता।
माता-पिता को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
इंस्टाग्राम पर त्वरित, आसान और परिवार के लिए उपयुक्त भोजन के सुझाव मिल सकते हैं। लेकिन यह समझना ज़रूरी है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाली हर चीज़ वास्तविक नहीं होती। इस प्लेटफॉर्म का ‘एल्गोरिदम’ लोकप्रिय और आकर्षक सामग्री को प्राथमिकता देता है। चूंकि इंस्टाग्राम एक विज़ुअल प्लेटफॉर्म है, यहाँ की पोस्ट अक्सर देखने में लुभावनी होती हैं। इसलिए, अपने खाने की तुलना सोशल मीडिया पर दिखने वाली चुनिंदा और सजी-धजी थालियों से न करें। यह असंभव है कि कोई परिवार रोज़ाना इतने परफेक्ट तरीके से खाना बनाए या खाए। इन पोस्ट में दिखने वाला खाना अक्सर पेशेवर रूप से फिल्माया या फोटो खींचा गया होता है।
