फतेहपुर में निषेधाज्ञा लागू : विवादित मकबरे पर हंगामे के बाद कड़ी सुरक्षा, जन्माष्टमी तक निगरानी बढ़ी
प्रशासन ने जुलूस, विरोध-प्रदर्शन और समारोहों पर रोक लगाई
फतेहपुर, अमृत विचार : फतेहपुर में सोमवार को विवादित मकबरे पर हुए हंगामे के बाद जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए शहर में सभी प्रकार के समारोहों, जुलूसों और विरोध-प्रदर्शनों पर निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह निर्णय 16 अगस्त को जन्माष्टमी के अवसर पर संभावित तनाव की खुफिया जानकारी के आधार पर लिया गया।
क्या है मामला : सोमवार को हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नवाब अबू समद के मकबरे में घुसकर हंगामा किया, धार्मिक नारे लगाए और भगवा झंडा फहराया। उनका दावा था कि इस जगह पर पहले मंदिर था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें लोग पुलिस की मौजूदगी में नारेबाजी और तोड़फोड़ करते दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल, प्रशासन की तरफ से पुलिस160 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। जिनमें 10 नामजद आरोपी शामिल है।
पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान, शांति भंग की धाराएं प्राथमिकी में दर्ज की है। इसके साथ ही पड़ोसी जिलों कौशाम्बी और प्रयागराज से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। 1 किमी के दायरे में बैरिकेड्स, प्रवेश पर रोक लगाने के साथ ही ड्रोन और CCTV निगरानी, QRT (त्वरित प्रतिक्रिया दल) तैनात किया है। ज़िला मजिस्ट्रेट रवींद्र सिंह और पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने चेतावनी दी कि कोई भी व्यक्ति प्रदर्शन, भड़काऊ भाषण या सोशल मीडिया पर उकसाऊ पोस्ट करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और शिकायतें कानूनी माध्यमों से उठाने की अपील की है, ताकि जन्माष्टमी शांति से संपन्न हो सके। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया है और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
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