UP : दारोगा की मां की हत्या का आरोपी हिस्ट्रीशीटर मुठभेड़ में गिरफ्तार
इस्लामनगर, अमृत विचार। पुलिस ने दारोगा की मां के हत्या के आरोपी हिस्ट्रीशीटर को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस आरोपी को पकड़ने गई थी। पुलिस को देखते ही आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाब में फायरिंग की। आरोपी के बाएं पैर में गोली लगी। आरोपी को पकड़ लिया गया। आरोपी को रुदायन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया। नवागत एसपी देहात ह्रदेश कठेरिया ने मौका मुआयना किया।
इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गांव मौसमपुर निवासी दारोगा मनवीर सिंह यादव जिला हापुड़ की पुलिस चौकी बहादुरगढ़ के इंचार्ज हैं। वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ हापुड़ में रहते हैं जबकि उनकी मां रातरानी (70) गांव में अकेली रहती थीं। 11 अगस्त की रात रातरानी का गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। उनके कानों से सोने के कुंडल लूट लिए गए थे। दारोगा की तहरीर पर उनके घर के सामने रह रहे हिस्ट्रीशीटर धीरेंद्र यादव पुत्र कुंवरपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस हत्यारोपी की तलाश कर रही थी।
शुक्रवार रात एक बजे प्रभारी निरीक्षक विशाल प्रताप सिंह को हत्यारोपी की सूचना मिली। वह पुलिस बल के साथ अलीनगर के जंगल में पहुंचे। जहां पुलिस ने आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाब में फायरिंग की। आरोपी के पैर में गोली मारकर पकड़ लिया। आरोपी के खिलाफ इस्लामनगर के अलावा पास के जिला संभल में चोरी, आर्म्स एक्ट, लूट, धोखाधड़ी समेत 12 मुकदमा दर्ज हैं। गिरफ्तारी करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक के साथ उपनिरीक्षक गौतम पांडेय व सुभाष कुमार, सिपाही अनुज कुमार, जयदेव मलिक, मनजीत सिंह, युग शर्मा, दीपांशु कुमार व कपिल रहे।
छोड़कर कई पत्नी, रुपये की तंगी और शराब की लत ने बनाया अपराधी
दरोगा की मां रातरानी की हत्या के पीछे चौंकाने वाली वजह सामने आई है। हिस्ट्रीशीटर धीरेंद्र यादव की पत्नी एक माह पहले उसे छोड़कर किसी और के साथ चली गई थी। हिस्ट्रीशीटर होने के चलते वह तहरीर देने थाने नहीं गया कि कहीं पुलिस उसे गिरफ्तार न कर ले। वह धीरेंद्र शराब का आदी बन गया। उसके सामने रुपये की तंगी थी। पत्नी को ढूंढने के लिए उसे रुपयों की जरूरत थी। उसकी मां और बहन रुपये देने से मना कर देती थीं। जिसके चलते वह लूट करने लगा।
चोरी की नीयत से घर में घुसा था आरोपी
हत्याकांड वाले दिन गांव में एक युवक की बुखार से मौत हो गई थी। ज्यादातर ग्रामीण शोकाकुल परिवार के घर थे। धीरेंद्र यादव ने शराब पी रखी थी। उसे पहले से पता था कि रातरानी अकेली सोती हैं। जिसके चलते वह चोरी की नीयत से घर में घुसा था। घर में कीमती सामान नहीं मिला तो उसने सोते समय रातरानी के कानों के कुंडल उतारने का प्रयास किया। रातरानी की नींद खुल गई। उन्होंने धीरेंद्र को पहचान लिया। पहचान खुलने के डर से उसने हसिया से महिला का गला रेतकर हत्या कर दी। कुंडल लेकर भाग गया।
