नन्हे-मुन्ने बच्चों में दिखी बाल गोपाल और राधा रानी की झलक, देशभर में दिखी जन्माष्टमी की धूम

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचारः जन्माष्टमी के पवित्र अवसर पर पूरे देश में भक्ति और उल्लास का माहौल छाया रहा। इस खास दिन पर छोटे-छोटे बच्चों को बाल गोपाल और राधा रानी के रूप में सजाया गया, जिसने उत्सव की शोभा को दोगुना कर दिया। मंदिरों, स्कूलों और घरों में बच्चों ने श्रीकृष्ण और राधा की सुंदर वेशभूषा में सजकर सभी का दिल जीत लिया।

MUSKAN DIXIT (3)अर्नव चतुर्वेदी

स्कूलों में जन्माष्टमी की धूम

देश के विभिन्न हिस्सों में स्कूलों ने जन्माष्टमी के लिए विशेष आयोजन किए। पटना के कचौड़ी गली में स्थित सैपलिंग्स स्कूल में बच्चों ने राधा और कृष्ण के रूप में सजकर रंग-बिरंगे नृत्य प्रस्तुत किए। मिर्जापुर के कौड़िया कला में विद्या संस्कार स्कूल में नन्हे बच्चों ने राधा-कृष्ण की झांकियों और नृत्यों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सोनीपत और हनुमानगढ़ के स्कूलों में भी बच्चों ने भगवान कृष्ण की लीलाओं को जीवंत कर उत्सव में चार चांद लगा दिए।

MUSKAN DIXIT (6)श्री शुक्ला

बच्चों की सजावट में दिखी भक्ति

जन्माष्टमी पर बच्चों को सजाने की परंपरा ने उत्सव को और भी यादगार बना दिया। लड़कों को रंगीन धोती, मोरपंख का मुकुट, बांसुरी और चंदन तिलक के साथ बाल गोपाल का रूप दिया गया, वहीं लड़कियों को घाघरा-चोली, मांग टीका, झुमके और फूलों की टोकरी के साथ राधा रानी की तरह सजाया गया। कई स्थानों पर छोटे बच्चों को लड्डू गोपाल के रूप में पालने में सजाकर झूला झुलाया गया, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।

MUSKAN DIXIT (7)गर्व दीक्षित

नृत्य और झांकियों ने बांधा समां

जन्माष्टमी के दौरान बच्चों ने कृष्ण लीलाओं पर आधारित नृत्य और झांकियां प्रस्तुत कीं। जमशेदपुर में सूर्य मंदिर समिति द्वारा आयोजित 'बाल राधा-कृष्ण सजावट प्रतियोगिता' में बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। चंद्रपुरा के बिरसा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में भी छोटे बच्चों ने राधा-कृष्ण के रूप में शानदार प्रदर्शन कर दर्शकों को अभिभूत किया।

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सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदेश

जन्माष्टमी पर बच्चों को राधा-कृष्ण के रूप में सजाना केवल एक रिवाज नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का प्रतीक है। यह बच्चों को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने का एक अनूठा अवसर है, जो परिवारों में भक्ति और खुशी का संचार करता है। कई स्थानों पर फोटोशूट और झांकियों के जरिए बच्चों ने श्रीकृष्ण की नटखट और दिव्य लीलाओं को जीवंत किया, जिसने भक्तों में उत्साह और आनंद भर दिया।

यह जन्माष्टमी उत्सव बच्चों की मासूमियत और भक्ति के रंग में डूबा रहा, जिसने हर गली-मोहल्ले में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की खुशी को और बढ़ा दिया।

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