जम्मू-कश्मीर सरकार का बड़ा फैसला: जेईआई और एफएटी स्कूलों की देखरेख क्लस्टर प्रिंसिपल करेंगे
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने शनिवार को स्पष्ट किया कि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) और फलाह-ए-आम ट्रस्ट (एफएटी) से संबद्ध 215 स्कूलों को सरकार अपने अधीन लेने की योजना नहीं बना रही है। उन्होंने कहा कि मूल प्रस्ताव के अनुसार, इन स्कूलों की निगरानी निकटतम क्लस्टर प्रिंसिपल करेंगे, न कि जिला मजिस्ट्रेट या उपायुक्त, जैसा कि स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया।
मंत्री ने बताया कि उनके द्वारा अनुमोदित मसौदे में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इन स्कूलों का प्रबंधन क्लस्टर प्रिंसिपल के जिम्मे होगा। हालांकि, शुक्रवार देर रात जारी एक आदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं और उपराज्यपाल को रिपोर्ट करते हैं, ने जेईआई और एफएटी से जुड़े स्कूलों को जिला मजिस्ट्रेट/उपायुक्तों के अधीन करने की बात कही थी। इस आदेश में यह भी उल्लेख था कि जिला मजिस्ट्रेट नई प्रबंधन समितियों का गठन प्रस्तावित करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, “कुछ लोग गलत अफवाहें फैला रहे हैं कि शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को अपने नियंत्रण में ले लिया है।” उन्होंने बताया कि कई वर्षों पहले सीआईडी सत्यापन में इन 215 स्कूलों के संबंध में नकारात्मक रिपोर्ट प्राप्त हुई थी, जिसके कारण इन स्कूलों में पढ़ाई बाधित हो रही थी। मंत्री ने कहा, “छात्रों और अभिभावकों को बार-बार बोर्ड परीक्षाओं में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इन स्कूलों को मान्यता नहीं दी थी।”
इट्टू ने आगे कहा कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले 51,000 से अधिक छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया कि निकटतम क्लस्टर प्रिंसिपल इन स्कूलों की देखरेख करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा, “छात्र, शिक्षक और स्कूलों की संरचना में कोई बदलाव नहीं होगा। नई प्रबंधन समितियों के गठन तक केवल निकटतम प्रधानाचार्य इनका प्रबंधन करेंगे।” शिक्षा मंत्री ने इस कदम को छात्रों के हित में लिया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय बताया।
