कानपुर: कार्वी में फंसे शेयरों के क्लेम करने की तारीख बढ़ी, अब निवेशक 31 दिसंबर तक कर सकते हैं दावा
कानपुर, अमृत विचार। हजारों निवेशकों को राहत देते हुए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड मामले में दावे दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। अब निवेशक अपने दावे 31 दिसंबर 2025 तक दर्ज करा सकेंगे। इससे पहले यह समय सीमा 2 जून 2025 तय की गई थी।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने 16 मई को निवेशकों से अपील की थी कि वे समय सीमा से पहले अपने दावे दाखिल कर दें। हालांकि, बड़ी संख्या में निवेशक समय पर दावा दाखिल नहीं कर पाए। इसी को देखते हुए समयसीमा बढ़ाकर अब 31 दिसंबर कर दी गई है।
केश्री ब्रोकिंग के को-फाउंडर राजीव सिंह ने बताया कि फाइनेंसियल सर्विसेज प्रदान करने वाली तब की दिग्गज कंपनी कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के 10, 912 डीमैट और ट्रेडिंग खाते थे कानपुर में थे। 7 अगस्त 2024 को सेबी ने कार्वी के तत्कालीन चेयरमैन सी. पार्थसारथी पर पेनाल्टी के तहत 25 करोड़ का रिकवरी नोटिस जारी किया था।
क्या था कार्वी स्कैम
कंपनी ने पावर ऑफ अटॉर्नी का गलत इस्तेमाल करते हुए करीब 95 हजार निवेशकों के 2,700 करोड़ (उस वक्त की वैल्यू) के शेयर्स अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया था। इन शेयरों को गिरवी रख के लोन लेकर रकम अपनी दूसरी सहयोगी कंपनी में ट्रांसफर कर दिया था। वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सबसे पहले सेबी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड को 22 नवम्बर 2019 को नए ग्राहकों को जोड़ने पर रोक लगा दिया था और 2 दिसंबर से कंपनी के ट्रेडिंग टर्मिनल डिसेबल कर दिया था।
23 नवम्बर 2020 को एक्सचेंज ने नियमों के तहत कार्वी को एनएसई के मेम्बरशिप से हटाकर डिफाल्टर घोषित कर दिया था। 28 अप्रैल 2023 को सेबी ने अपने फाइनल आर्डर में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के लाइसेंस को निरस्त करते हुए उनके प्रोमोटर पर सात साल का बैन और 21 करोड़ का जुर्माना लगाया था। कानूनी प्रक्रिया को अपनाते हुए कार्वी के डीमैट अकाउंट का अधिग्रहण आईएफएल कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड ने कर लिया था और ट्रेडिंग अकाउंट का अधिग्रहण एक्सिस सिक्योरिटीज लिमिटेड में कर दिया था।
क्लेम की समय सीमा बढ़ने से प्रभावित शहर के निवेशकों को काफी लाभ हुआ है। अब कार्वी से प्रभावित निवेशकों को क्लेम करने के लिए अधिक समय मिल सकेगा। इससे वे आसानी से विशेषज्ञों से संपर्क कर अपने क्लेम का आवेदन कर सकेंगे। फिलहाल कम समय मिलने से कई प्रभावित निवेशक क्लेम नहीं कर पा रहे थे।
राजीव सिंह, को-फाउंडर, केश्री ब्रोकिंग
