टैरिफ का तोड़ बनेगा अफ्रीकी बाजार, छोटे निर्यातकों को मिल सकता 500 करोड़ का कारोबार
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से शहर के छोटे निर्यातकों को बड़ा झटका लग सकता है। अनुमान है कि 50 से 60 प्रतिशत तक का निर्यात बाजार टूट सकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए निर्यातकों ने अफ्रीकी देशों सहित एशियाई बाजारों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अफ्रीका से ही लगभग 500 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिलने की संभावनाएं हैं।
कानपुर, अमृत विचार : कानपुर के निर्यातकों का अमेरिका में लगभग 2500 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। टैरिफ लगने के बाद शहर के छोटे निर्यातकों पर सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका है। इसी संकट को देखते हुए निर्यातक अफ्रीकी देशों की ओर रुख कर रहे हैं।
निर्यात विशेषज्ञों के अनुसार, घाना, तंजानिया, युगांडा, केन्या और नाइजीरिया जैसे देशों में लेदर उत्पाद, गारमेंट्स, दैनिक उपयोगी वस्तुएं, उपकरण और सेफ्टी प्रोडक्ट्स की भारी मांग है। इन देशों की विशेषता यह है कि यहां छोटे पूंजी निवेश वाले निर्यातकों के लिए भी बड़ा स्कोप है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि अफ्रीका में बहुत से भारतीय व्यापारी वहां के बाजार में सक्रिय हैं, जो भारतीय निर्यातकों की मदद करते हैं। इससे छोटे निर्यातकों के लिए संभावनाएं और भी बढ़ जाती हैं। अनुमान है कि अगले दो माह में अफ्रीकी देशों से ऑर्डर मिलना शुरू हो सकता है।
एशियाई बाजार भी टारगेट : सिर्फ अफ्रीकी बाजार ही नहीं, बल्कि शहर के निर्यातकों ने थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया और वियतनाम जैसे एशियाई देशों के खरीदारों से भी संपर्क साधना शुरू कर दिया है। इन देशों से पहले ही करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार जुड़ा है, लेकिन अब छोटे निर्यातकों ने भी यहां संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी हैं।
आंकड़े एक नजर में
- 2500 करोड़ रुपये – अमेरिका में निर्यात कारोबार
- 50-60% – टैरिफ के चलते बाजार टूटने की संभावना
- 500 करोड़ रुपये – अफ्रीका से निर्यात का लक्ष्य
- 2 महीने – ऑर्डर मिलने की संभावित अवधि
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