रबी उल अव्वल 2025 : रहमतों और नूर से भरा माह, 12 तारीख को ईद मिलादुन्नबी

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Published By Vinay Shukla
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कानपुर,अमृत विचार : रबीउल अव्वल इस्लामी साल का तीसरा महीना है, जिसे मुसलमान रहमत, बरकत और रूहानियत से भरपूर मानते हैं। मान्यता है कि इसी माह में आख़िरी नबी हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा की विलादत (पैदाइश) हुई। इसलिए यह महीना दुनिया भर के मुसलमानों के दिलों में खास मकाम रखता है। 12 रबीउल अव्वल को ईद-ए-मिलादुन्नबी के तौर पर खुशी और अकीदत के साथ मनाया जाता है।

कानपुर के बाबूपुरवा में आयोजित एक कार्यक्रम में सूफ़ी लाल मोहम्मद क़ादरी ने कहा कि रबीउल अव्वल वह मुबारक वक्त है जब “अल्लाह ने इंसानियत की हिदायत के लिए अपने आख़िरी नबी को इस दुनिया में भेजा।” उन्होंने बताया कि इस दिन शहरभर में आशिकान-ए-रसूल जुलूस निकालते हैं, मिलाद की महफ़िलें सजीती हैं, नात-ए-रसूल पढ़ी जाती हैं और सीरत-ए-नबवी पर बयान होते हैं। क़ादरी ने लोगों से अपील की कि इस माह के पैग़ाम-रहमत, अमन और ख़िदमत-ए-खल्क़ को अपनी ज़िंदगी में उतारें।

कार्यक्रमों की तैयारी, अमन और व्यवस्था पर जोर

स्थानीय इदारों व इमामों ने बताया कि रबीउल अव्वल के सिलसिले में मस्जिदों व इदारों में सीरत सभाएँ, दरूद-ओ-सलाम की महफ़िलें और तालीमी कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। आयोजन समितियों ने प्रशासन से ट्रैफिक, सुरक्षा और सफाई-व्यवस्था में सहयोग का अनुरोध किया है। उधर, समाजसेवी संगठनों ने रक्तदान, गरीबों को कंबल/भोजन वितरण और मोहल्लों में साफ-सफाई अभियानों की रूपरेखा भी साझा की है, ताकि जश्न के साथ समाजोपयोगी संदेश भी दिया जा सके।

सीरत-ए-नबवी से सीख: करुणा, ईमानदारी और परस्पर सम्मान

उलेमा का मत है कि रबीउल अव्वल का केंद्रीय संदेश सीरत-ए-नबवी से सीखना है—पड़ोसी का ख़याल, सचाई-अमानतदारी, कमज़ोरों की मदद और नफ़रत से ऊपर उठकर इंसानियत को तरजीह देना। वक्ताओं ने कहा कि नबी-ए-पाक की ज़िंदगी आपसी मोहब्बत, न्याय और रहम की मिसाल है; इसलिए जुलूस और रोशनियों के साथ-साथ चरित्र और आचरण में भी वह रोशनी दिखाई देनी चाहिए।

अपील: शांति, स्वच्छता और ट्रैफिक नियमों का पालन

आयोजकों ने जुलूस मार्गों पर शांति बनाए रखने, लाउडस्पीकर के निर्धारित नियमों का पालन, रास्तों की स्वच्छता और ट्रैफिक व्यवस्थाओं में सहयोग की अपील की है। युवाओं से कहा गया है कि सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचें और केवल अधिकृत सूचनाएँ ही साझा करें। महिलाओं और बच्चों के लिए निर्धारित सहायता डेस्क की व्यवस्था करने पर भी चर्चा हुई।

रबीउल अव्वल के साथ शहर में रूहानी रौनक दिखने लगी है। बाज़ारों में सजावट और मिलाद से जुड़ी सामग्री की खरीदारी बढ़ी है। उधर, इदारों ने बताया कि 12 रबीउल अव्वल को होने वाले केंद्रीय कार्यक्रमों का शेड्यूल जल्द जारी किया जाएगा। आयोजकों ने कहा कि “रहमतों के इस महीने का असली मकसद अमन, मिलजुलकर रहना और इंसानियत की सेवा है” यही पैग़ाम हर घर तक पहुँचाना है।

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