कानपुर में आवारा कुत्तों पर सख्ती : 50 स्ट्रीट डॉग्स को लगाया एंटी-रेबीज टीका, नगर निगम का अभियान जारी
कानपुर, अमृत विचार : कोर्ट और केंद्र सरकार की सख्ती का असर शहर में दिखने लगा है। नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, उनका एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन और नसबंदी कराने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। सोमवार को स्ट्रीट डॉग्स मास एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन ड्राइव के तहत अकेले दक्षिण क्षेत्र में 50 कुत्तों का टीकाकरण किया गया। निगम अधिकारियों के मुताबिक टीमों को अलग-अलग वार्डों में लगातार भेजा जा रहा है और यह अभियान निरंतर चलेगा।
एनजीओ के साथ संयुक्त ऑपरेशन : अभियान नगर आयुक्त सुधीर कुमार के निर्देश पर कानपुर नगर निगम और एनजीओ डॉगीटोरियम की संयुक्त टीम द्वारा चलाया गया। बर्रा, कर्रही, दामोदर नगर और जरौली फेस-1 में डॉग कैचर दस्ता सक्रिय रहा। जिन कुत्तों का वैक्सीनेशन हुआ, उन्हें एबीसी सेंटर भेजकर नसबंदी कराई जा रही है, जिसके बाद नियमों के अनुरूप उन्हें उनके मूल स्थान पर छोड़ा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट व केंद्र के निर्देशों के अनुपालन में : आवारा कुत्तों से जुड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और केंद्र सरकार के निर्देश के बाद सभी राज्यों से कम-से-कम 70% स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी और एंटी-रेबीज टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसी के तहत नगर निगम ने ज़ीरो रेबीज लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में तेज़ी पकड़ी है।
“वैक्सीनेशन मानव और श्वान-दोनों की सुरक्षा” : नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आर.के. निरंजन ने बताया कि रेबीज एक घातक बीमारी है और एंटी-रेबीज वैक्सीन ही इसका एकमात्र प्रभावी बचाव है। निगम प्रतिदिन वैक्सीनेशन अभियान चलाएगा तथा समय-समय पर मुफ़्त हेल्थ चेकअप कैंप भी लगाए जाएंगे। उन्होंने श्वान स्वामियों और डॉग लवर्स से अपील की कि अपने पालतू कुत्तों का टीकाकरण समय पर कराएं।
संरचना और संसाधन : नगर निगम पिछले चार साल से बधियाकरण कार्य कर रहा है। इसके लिए 5 डॉग कैचिंग वाहन दस्ता के साथ तैनात हैं, जिनमें 15 कर्मचारी कार्यरत हैं। एबीसी सेंटर पर नसबंदी की सर्जरी के लिए 4 प्रशिक्षित सर्जन नियुक्त हैं, जो रोज़ाना निर्धारित संख्या में ऑपरेशन कर रहे हैं।
एक नज़र में
- दक्षिण कानपुर में 50 स्ट्रीट डॉग्स का एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन
- पकड़े गए कुत्ते नसबंदी के लिए एबीसी सेंटर भेजे गए, बाद में मूल स्थान पर छोड़े जाएंगे
- सुप्रीम कोर्ट व केंद्र के निर्देश : 70% स्ट्रीट डॉग्स की स्टरलाइज़ेशन + वैक्सीनेशन का लक्ष्य
- निगम-एनजीओ डॉगीटोरियम की संयुक्त कार्रवाई, कई वार्डों में अभियान जारी।
नगर निगम का कहना है कि आवारा कुत्तों से जुड़े विवादों को मानवीय और वैज्ञानिक तरीके से सुलझाने पर ज़ोर है, ताकि जन-स्वास्थ्य सुरक्षित रहे और पशु-कल्याण के मानकों का भी पालन हो।
यह भी पढ़ें:-कानपुर : आनंदेश्वर कॉरिडोर के कार्यों की एचबीटीआई करेगी जांच
