टैरिफ टेंशन से शेयर बाजार में भूकंप: निवेशकों को 700 करोड़ का झटका
कानपुर, अमृत विचार : टैरिफ विवाद की अनिश्चितता और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली के बीच भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार 26 अगस्त को तेज गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 849 अंक लुढ़ककर बंद हुआ वहीं निफ्टी 256 अंक टूटा। मिड और स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट और भी गहरी रही, जिससे शहर के निवेशकों के पोर्टफोलियो वैल्यूएशन में अनुमानित तौर पर करीब 700 करोड़ रुपये की कटौती आई है।
बिकवाली का दबाव और मुनाफावसूली तेज : बाजार सूत्रों के अनुसार, बुधवार 27 अगस्त को बाजार बंद रहने की वजह से निवेशकों ने मंगलवार को पोजीशन कटौती और मुनाफावसूली तेज कर दी। विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बाजार का भरोसा हिला दिया और बिकवाली के चक्र को और मजबूत कर दिया। मिडकैप व स्मॉलकैप शेयरों में लाभ कतरने का असर सबसे ज्यादा दिखा।
सरकार के कदम पर टिकी नज़र : बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ मुद्दे पर स्पष्टता न होने तक अस्थिरता बनी रहेगी। केश्री ब्रोकिंग के को-फाउंडर राजीव सिंह ने कहा, “जब तक टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता दूर नहीं होती और सरकार से ठोस संकेत नहीं मिलते, निवेशकों का नजरिया सख्त बना रहेगा। यदि केंद्र सरकार जल्द GST कटौती या अन्य रिफॉर्म लागू करती है तो यह बाजार के लिए सकारात्मक संकेत होगा।”
क्या वजहें हैं और क्या असर होगा : विशेषज्ञों के अनुसार टैरिफ विवाद ने निर्यात-आधारित कंपनियों के मार्जिन पर अनिश्चितता पैदा कर दी है जिससे विदेशी निवेशक जोखिम कम करने को मजबूर हैं। इसके अलावा वैश्विक संकेत और घरेलू आर्थिक डाटा भी निवेशकों के मूड पर प्रभाव डालते रहे। आर्थिक सलाहकारों ने निवेशकों को अल्पकालिक भावना में आकर भारी नुकसान से बचने की सलाह दी है और लंबी अवधि का दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की है।
आगे का रास्ता : अब सबकी निगाहें सरकार के अगले कदमों पर टिक गई हैं—क्या कोई कर-छूट, GST में कटौती या निर्यात पर प्रोत्साहन की घोषणा होगी। ऐसे कदमों से बाजार में भरोसा वापस लाना संभव है। फिलहाल निवेशकों को सतर्कता बरतने और तेजी से परिवर्तित होते बाजार में संयम रखने की सलाह दी जा रही है।
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