रिटायर्ड मर्चेंट नेवी अधिकारी व पिता को डिजिटल अरेस्ट कर ऐंठे 1.29 करोड़
सात दिन वीडियो व व्हाट्सएप कॉल पर रखा
लखनऊ, अमृत विचार । सीबीआई अधिकारी बनकर साइबर जालसाज ने मर्चेंट नेवी के रिटायर्ड अधिकारी और उनके पिता को 7 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। मनी लांड्रिंग का आरोप लगा व्हाट्सएप पर अरेस्ट वारंट भेजा फिर खाते से 1.29 करोड़ रुपये रुपये ऐंठ लिए। पीड़ित ने साइबर हेल्प लाइन पर शिकायत करने के बाद सरोजनीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
मर्चेंट नेवी से सेवानिवृत्त अधिकारी सुरेंद्र पाल सिंह (70) सैनिक हाउसिंग सोसाइटी में 100 वर्षीय पिता हरदेव सिंह के साथ रहते हैं। 20 अगस्त को हरदेव के पास फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी आलोक सिंह बता, मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया। कहा, गिरफ्तार करने के लिए एक टीम रवाना हो गई है। आरोप नकारने पर व्हाट्सएप पर अरेस्ट वारंट भेज दिया। वीडियो कॉल कहा कि, आप सर्विलांस के रडार पर हो, निगरानी रखी जाएगी। कहा, आपके खातों में गलत लेनदेन हुआ है, इसकी जांच की जाएगी। गड़बड़ी न मिलने पर क्लीन चिट मिल जाएगी। जालसाज ने डरा कर खाते व अन्य जानकारी ले ली।
शाम को घर पहुंचने पर हरदेव ने बेटे सुरेंद्र पाल को जानकारी दी। अरेस्ट वारंट देख वह भी डर गए। इसके बाद पिता-पुत्र के संयुक्त खाते से 20 अगस्त से 26 अगस्त के बीच चार बार में 1.29 करोड़ रुपये जालसाजों को ट्रांसफर कर दिए। बाद में सुरेंद्र ने साइबर हेल्प लाइन के अलावा सरोजनीनगर थाने में शिकायत की। इंस्पेक्टर राजदेव राम प्रजापति ने बताया कि साइबर थाने की मदद से जांच की जा रही है। पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि रुपये गुजरात के भावनगर बैंक ऑफ बड़ौदा, गोवा के पोंडा और महाराष्ट्र के जलगांव स्थित आईसीआईसीआई बैंक खातों में भेजे गए थे। रुपये 21 अगस्त, 22 अगस्त, 25 और 26 अगस्त को ट्रांसफर हुए थे।
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