Bareilly : संभल हिंसा पर आयोग की रिपोर्ट...मुस्लिम उलमा ने एक पक्षीय बताकर किया खारिज

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। संभल हिंसा मामले में आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी। रिपोर्ट को लेकर अब मुस्लिम उलमा ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इसा विरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत का मुसलमान इस रिपोर्ट को खारिज करता है, क्योंकि ऐसा लगता है कि रिपोर्ट पक्षपात पूर्ण तरीके से तैयार की गई है।

आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर आयोग की रिपोर्ट पर कहा कि रिपोर्ट निष्पक्ष होनी चाहिए थी मगर ऐसा लग रहा है कि ये पक्षपाती है। उन्होंने दावा किया कि रिपोर्ट मे कहा गया है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराने की बात रिपोर्ट में कही गई। जबकि जबकि हकीकत ये है कि सन 1525 ईसवी में बाबर के शासन काल में मस्जिद का निर्माण शुरू हुआ और 1530 में मस्जिद का निर्माण पूरा हुआ। मस्जिद के निर्माण की निगरानी बाबर के एक हिंदू पदाधिकारी ने की थी। 

मौलाना ने कहा कि दिन के उजाले में सम्भल की जामा मस्जिद के साथ नइंसाफी की जा रही है। जहां तक देश की बात है तो हम देश की एकता अखंडता के लिए हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। मगर मस्जिद के नाम पर किसी से समझौता नहीं कर सकते। ये मस्जिद है, और कयामत तक मस्जिद ही रहेगी।

मौलाना ने रिपोर्ट के कुछ अंश मीडिया में आने पर आपत्ति जताई। कहा कि रिपोर्ट बंद लिफाफे में पेश की जाती है, उसका कोई भी पहलू सार्वजनिक नहीं किया जा सकता मगर इस रिपोर्ट के कुछ पहलू मंजरे आम पर कैसे आ गए, इसका मतलब है कि जानबूझकर ये तरीका अपनाया गया है। भारत का मुसलमान इस रिपोर्ट को खारिज करता है।

 

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