बाराबंकी में दवाओं के नाम पर नशे का धंधा, CBI की दबिश से खुला बड़ा नेटवर्क”
सीबीआई की ऐंटी करप्शन ब्रांच की कार्रवाई से हड़कंप, अफसरों तक दलाली में जुड़े व्यापारी
बाराबंकी, अमृत विचार : मारफीन तस्करी के लिए पहले ही बदनाम रहा बाराबंकी अब प्रतिबंधित व नशीली दवाओं का नया अड्डा बन गया है। गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य बाजार तक कोडीनयुक्त सीरप की खुली बिक्री जारी है। युवाओं में इसकी लत बढ़ती जा रही है, लेकिन औषधि विभाग की कार्रवाई सिर्फ कागजी आंकड़ों तक सीमित है।
सीबीआई की बड़ी कार्रवाई : हाल ही में सीबीआई लखनऊ की ऐंटी करप्शन ब्रांच ने जिले के दो नामी दवा व्यापारियों को हिरासत में लिया। खुलासे में सामने आया कि ये व्यापारी सिर्फ दवा ही नहीं, बल्कि अफसरों तक दलाली का नेटवर्क चलाते थे। जांच में उनके पास से प्रतिबंधित दवाओं का जखीरा भी बरामद हुआ।
कोडीन सीरप पहली पसंद : युवाओं में नशे के लिए कोडीनयुक्त सीरप सबसे ज्यादा खरीदा जा रहा है। 100 से 120 रुपये तक में आसानी से उपलब्ध यह दवा दुकानों पर खुलेआम बिक रही है। गत वर्ष पुलिस ने बाराबंकी से 10 लाख रुपये की कोडीनयुक्त सीरप बरामद की थी, जो लाजपतनगर के व्यापारी के लिए मंगाई गई थी। इसी तरह 2023 में साढ़े सात लाख रुपये की नशीली दवाएं दशहराबाग के गोदाम से मिली थीं।
व्यापारी और नेटवर्क : नाका सतरिख के व्यापारी व ड्रग एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संतोष जायसवाल और दवा दुकान संचालक सुनील जायसवाल का नाम भी ताजा मामले में सामने आया है। सीबीआई की पूछताछ में पता चला कि इनका नेटवर्क तस्करों से लेकर जिम्मेदार अफसरों तक फैला हुआ था।
जिम्मेदारों की सफाई : औषधि निरीक्षक रजिया बानो का कहना है कि उन्हें बाराबंकी आए सिर्फ डेढ़ माह हुआ है, लेकिन इस दौरान प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर काफी हद तक लगाम लगी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अभियान लगातार जारी रहेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
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