यूपी में होगा करोड़ों का इंवेस्टमेंट, MSME Export Promotion Council ने जारी की रिपोर्ट
लखनऊ, अमृत विचार: एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद से शुक्रवार को जारी एक स्टडी के मुताबिक, 2024-25 में राज्य ने 1,63,324 करोड़ रुपये के नए निवेश प्रस्ताव आकर्षित किए हैं, जबकि 2023-24 में यह 1,59,200 करोड़ रुपये था। एमएसएमई ईपीसी के अध्यक्ष डॉ. डी.एस. रावत ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 और 2024-25 के बीच, राज्य ने 6,14,049 करोड़ रुपये की परियोजनाएँ आकर्षित की हैं। उन्होंने बताया कि ये आँकड़े सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) से लिए गए हैं।
2024-25 में 1,63,323 करोड़ रुपये के निवेश में से, निजी क्षेत्र ने 1,20,455 करोड़ रुपये के प्रस्तावों की घोषणा की है। यह भी ध्यान दिया गया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा फिनटेक, एआई, एडटेक और डीप-टेक स्टार्टअप्स के लिए प्रमुख केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं, जहां प्रमुख वैश्विक कंपनियां निवेश में रुचि दिखा रही हैं। कारखानों और औद्योगिक रोजगार के मामले में यह राज्य शीर्ष राज्यों में शुमार है।
यूपी में 2021-22 से 2024-25 के बीच निवेश, विकास और वृद्धि पर अध्ययन के दूसरे संस्करण को जारी करते हुए, रावत ने कहा, 2021-22 के दौरान, सभी परियोजनाओं के लिए नया निवेश 1,18,625 करोड़ रुपये का था, 2022-23 में 1,72,900 करोड़ रुपये, 2023-24 में कुल प्रस्ताव 1,59,200 करोड़ रुपये और 2024-25 में 1,63,323 करोड़ रुपये के थे।
2024-25 में, 64,634 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पूरे हो चुके थे और बकाया परियोजनाएं 15,55,855 करोड़ रुपये की परियोजनाएं लंबित थीं। इसलिए, लागत वृद्धि से बचने के लिए, एमएसएमई ईपीसी ने निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्रस्तावों को शीघ्रता से पूरा करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन का सुझाव दिया है।
पर्यटन क्षमता का पूरा दोहन करने की आवश्यकता
उत्तर प्रदेश घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने वाले शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है। खासकर आगरा, वाराणसी, लखनऊ, अयोध्या और सारनाथ प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। सुझाव है कि राज्य को अपनी पर्यटन क्षमता का पूरा दोहन करने के लिए बुनियादी ढांचे, वैश्विक ब्रांडिंग और स्थानीय भागीदारी को एक साथ लाना होगा।
यह भी पढ़ेंः Jammu & Kashmir landslide: जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन के कारण मकान ढहा, एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत
