अखिलेश दुबे और भू माफिया से सांठगांठ: चार इंस्पेक्टर-दो दरोगा निलंबित
ग्वालटोली थाना प्रभारी अमान ने अखिलेश दुबे और उनके करीबियों को जानकर पहुंचाया लाभ
फजलगंज व नवाबगंज थाने में तैनाती के दौरान इंस्पेक्टर आशीष कुमार पर सांठगांठ का आरोप
कानपुर, अमृत विचार : ऑपरेशन महाकाल के तहत पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने पुलिस विभाग में बड़ी कार्रवाई की है। अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उसके गैंग के मददगार चार इंस्पेक्टर और दो दरोगा को निलंबित किया गया है। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा है। वहीं अखिलेश दुबे और उनके सिंडिकेट से जुड़े अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी चालू है। पुलिस अधिकारियों से इसके भी संकेत मिले हैं कि जांच पूरी होने पर जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
ऑपरेशन महाकाल के दूसरे चरण में शिकायतों की जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है। पनकी थाने से दो दिन पहले हटाए गए इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह के खिलाफ शिकायत हुई थी कि तैनाती के दौरान भूमि विवाद मामले में कार्रवाई नहीं की गई। अखिलेश दुबे और सहयोगियों से सांठगांठ कर आरोपियों को लाभ पहुंचाया गया है। साक्ष्य छिपाकर उच्च अधिकारियों को भी नहीं बताया गया। जांच में पनकी इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध मिलने पर कार्रवाई हुई है। दूसरी कार्रवाई फजलगंज व नवाबगंज थाने में तैनात रहे चर्चित इंस्पेक्टर आशीष कुमार द्विवेदी के खिलाफ हुई। उन पर दोनों थानों में तैनाती के दौरान भू माफिया और अखिलेश दुबे, उनके गैंग से सांठगांठ का आरोप है। अखिलेश के कारनामों में आशीष द्विवेदी की भूमिका पाई गई है।
ग्वालटोली थाना प्रभारी अमान पर भी अखिलेश व उनके साथियों को लाभ पहुंचने का आरोप लगा। शिकायत के अनुसार अमान ने अखिलेश के करीबी लवी मिश्रा, लकी मिश्रा, सौरभ द्विवेदी, प्रशांत व 2-3 अन्य के खिलाफ दर्ज केस में लाभ पहुंचाया और अधिकारियों को बिना सूचना दिए बेल कमेंट कोर्ट में भेज दी। जिसे जानकर लापरवाही व अनुशासनहीनता माना गया। चौथी कार्रवाई बर्रा के तत्कालीन थानाध्यक्ष नीरज ओझा के खिलाफ हुई। तैनाती के दौरान नीरज की भूमाफिया और अपराधी अखिलेश दुबे से सांठगांठ व पीड़ित रवि सतीजा पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला को उनकी पुत्रवधू बताकर झूठे साक्ष्य दिए गए।
इसी क्रम में पांचवीं कार्रवाई दरोगा आदेश कुमार यादव के खिलाफ हुई। नौबस्ता के आवास विकास चौकी में तैनात रहे दरोगा ने चौकी क्षेत्र में कई कारनामे किए। जनता के साथ पुलिस से भी खराब व्यवहार रहा।जिससे पुलिस की छवि धूमिल हुई। वहीं ग्वालटोली में तैनाती के दौरान दरोगा सनोज पटेल ने विवेचना के दौरान अखिलेश दुबे के सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए लवी मिश्रा, लकी मिश्रा, सौरभ द्विवेदी, प्रशांत आदि के खिलाफ दर्ज मामले में लाभ पहुंचाया। जांच में यह बात सामने आने पर कार्रवाई हुई।
बयान के लिए नहीं आए, दोबारा जारी होगी नोटिस : अखिलेश दुबे और उनके सिंडिकेट के कारनामों की जांच में कानपुर कमिश्नरेट में तैनात रहे डिप्टी एसपी संतोष कुमार सिंह, विकास पांडेय और इंस्पेक्टर ऋषिकांत शुक्ला (मौजूदा डिप्टी एसपी) और एक अन्य इंस्पेक्टर को बयान देने के लिए नोटिस जारी किया गया था। तीनों डिप्टी एसपी व इंस्पेक्टर को 29 व 30 अगस्त को बुलाया गया था। जिसमें दो लोगों ने नोटिस लेने से मना कर दिया था। उनके जिले के एसपी को नोटिस उपलब्ध कराया गया था। निर्धारित समय गुजरने के बाद भी चारों अधिकारी बयान दर्ज कराने के लिए कानपुर एसआईटी के समझ नहीं पहुंचे। इस बारे में स्टॉफ अफसर राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि अब दोबारा नोटिस जारी किया जाएगा।
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