Bareilly : एसिड अटैक के कैदी ने जेल में लगाया फंदा, दो वार्डर निलंबित

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। जिला जेल में एसिड अटैक (तेजाब हमला) के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बसपा नेता के भतीजे अंकित ने विशेष सुरक्षा सेल में शुक्रवार की रात करीब 1:30 बजे फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जेल प्रशासन ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। कैदी को मेरठ जेल से बरेली की जिला जेल में स्थानांतरण किया गया था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। लापरवाही बरतने के आरोप में दो वार्डर को निलंबित कर दिया है, जबकि एक खिलाफ विभागीय जांच शुरू कराई गई है।

मेरठ जिले के गांव गगोल थाना परतापुर निवासी अंकित गूजर (27) को एसिड अटैक और हत्या के प्रयास के आरोप में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। उसे इसी वर्ष फरवरी में मेरठ जिला जेल से स्थानांतरित करके बरेली जिला जेल में भेजा गया था। वह लंबे समय से परेशान चल रहा था। जेल प्रशासन ने उसे विशेष सुरक्षा सेल में रखा था। उस सेल में तीन कैदी थे। शुक्रवार की रात करीब 1:30 दोनों अन्य कैदी सो रहे थे। इसी दौरान गेट में लगे लोहे के एंगल में गमछे के सहारे फंदा लगाकर अंकित ने आत्महत्या कर ली। जानकारी होने पर जेल प्रशासन ने बिथरी चैनपुर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। साथ ही पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके पर जांच की।

पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद बसपा के मंडल अध्यक्ष जगरूप सिंह ने बताया कि उनका भतीजा अंकित फरवरी से जिला जेल में बंद था। जेल प्रशासन से सूचना मिली कि भतीजे ने जेल में फंदा लगा लिया है। उन्होंने बताया कि अंकित के दो भाई और दो बहन हैं। अंकित छोटा था, दोनों बहनों की अभी शादी नहीं हुई है। सीओ हाइवे शिवम आशुतोष ने बताया कि जिला जेल में कैदी ने फंदा लगाया है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। जेलर शैलेश सिंह ने बताया कि अंकित काफी समय से दिमागी रूप से परेशान चल रहा था। उसे फरवरी में मेरठ से यहां पर लाया गया था। जो आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।
लापरवाही पर दो जेल वार्डर निलंबित, एक की खुली जांच

जिला जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि अंकित आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। जिसे मेरठ की जेल से दो फरवरी को यहां पर स्थानांतरण किया गया था। उसे विशेष सुरक्षा सेल में रखा गया था। उसके साथ बंदी विकास उर्फ विक्की और बाबू उर्फ तौकीर भी बंद थे। वह रात में फंदा लगाने का प्रयास कर रहा था। इस दौरान हेड जेल वार्डर राजेन्द्र चौधरी और जेल वार्डर प्रवीन चौधरी वहां से गुजरे और उसे समझा कर चले गए, लेकिन उसने दोबारा से फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया। आरोप है कि दोनों ने किसी भी अधिकारी को जानकारी नहीं दी, साथ ही वहां से उस कपड़े को भी नहीं हटाया। जबकि, तैनात जेल वार्डर राजेश कुमार भी अपनी निर्धारित ड्यूटी के प्रति शिथिलता बरती। इसी आरोप में हेड जेल वार्डर राजेन्द्र सिंह और जेल वार्डर प्रवीन चौधरी को निलंबित किया गया है। जेल वार्डर राजेश कुमार के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए।

 

 

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