लखनऊ में मुहर्रम पर निकला चुप ताजिये का जुलुस, देर रात तक जारी रहा इमामबाड़ों और कर्बलाओं में मजलिसों का सिलसिला

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार: दो महीने 8 दिन के मोहर्रम समापन की पूर्व संध्या पर रविवार को इमामबाड़ों और कर्बलाओं में मजलिसों का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। कर्बला दियानतुद्दौला में अंजुमन हुसैनिया कदीम की मजलिस को मौलाना कल्बे जवाद ने खिताब किया। मौलाना ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी किसी एक मजहब के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए थी। मजलिस के बाद कर्बला के शहीदों के ताबूतों की जियारत कराई गई।

काजमैन में अंजुमन काजमिया आबिदया की मजलिस को मौलाना कर्रार हैदर मौलाई ने खिताब किया। मजलिस के बाद यहां आग पर मातम भी किया गया। नादान महल रोड स्थित अजाखाना मौलाना अली नकी में मौलाना सैफ अब्बास ने मजलिस को खिताब किया। शहंशाह बिल्डिंग नक्खास में मजलिस को मौलाना जाफर अब्बास ने खिताब किया।

चुप ताजिये का जुलूस आज

कर्बला के शहीदों की याद में सोमवार को सुबह की नमाज के फ़ौरन बाद चुप ताजिये का जुलूस निकाला जाएगा। विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित इमामबाड़ा नाजिम साहब से शुरू होकर यह जुलूस अकबरी गेट, नक्खास तिराहा, बिलोचपुरा चौराहा, अशर्फाबाद, गिरधारी सिंह इंटर कालेज, मंसूर नगर तिराहा होता हुआ रौजा-ए-काजमैन जाएगा।

चुप ताजिये की खासियत यह होती है कि इसे खामोशी के साथ निकाला जाता है। इसमें किसी भी तरह मातम या नारे नहीं लगाए जाते। जुलूस की मजलिस को मौलाना एजाज अतहर खिताब करेंगे। जुलूस में दो ताजिये, हाथी पर अलम लिए अजादार, जुलजनाह, हजरत अली असगर का झूला, हजरत अब्बास के अलम शामिल होंगे।

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