ऑटो चालक के आंख में धंस गया था शीशा, KGMU में डॉक्टरों की टीम ने साढ़े तीन घंटे की जटिल सर्जरी से मरीज को दी नई जिंदगी

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों ने एक ऑटो चालक की आंख और जान दोनों बचाने में कामयाबी हासिल की है। ऑटो के सामने के शीशे की गुणवत्ता खराब होने के कारण वह हादसे में क्षतिग्रस्त होने पर बिखरने के बजाय धारदार टुकड़ों में तब्दील होकर एक टुकड़ा चालक के आंख में धंस गया। टुकड़ा दिमाग तक पहुंच गया था।

सिद्धार्थनगर निवासी रामू यादव ऑटो चालक हैं। बीते दिनों रामू ने एक पुराना ऑटो खरीदा। तीन अगस्त को ऑटो चलाते समय हादसे हो गया। ऑटों मे शीशा नकली था। लिहाजा हादसे वक्त आगे (फ्रंट) का शीशा टूट गया। असली सेफ्टी ग्लास की तरह छोटे टुकड़ों में टूटने के बजाय यह शीशा बड़े और नुकीले टुकड़े में बदल गया। इनमें से छह सेंटीमीटर लंबा टुकड़ा सीधे मरीज की दाहिनी आंख से होते हुए झिल्ली को पार कर दिमाग तक पहुंच गया। जिससे आंख से खून आने लगा। नजर कमजोर होने लगी। गले में चोटे आईं। जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ हुई। 

परिवारीजन घायल अवस्था में रामू को लेकर सिद्धार्थनगर के अस्पताल पहुंचे। यहां से डॉक्टर ने मरीज को बस्ती और फिर गोरखपुर रेफर कर दिया। गोरखपुर से डॉक्टर ने मरीज को लखनऊ के निजी अस्पताल में भेज दिया। यहां डॉक्टरों ने गले में ट्यूब डाल दी। जिससे मरीज को राहत मिली। लेकिन आंख व दिमाग में धंसे शीशे का इलाज नहीं किया। हालत गंभीर होने पर परिवारीजन मरीज को लेकर केजीएमयू पहुंचे। यहां न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. अंकुर बजाज ने मरीज को देखा।डॉ. अंकुर ने बताया मरीज की सीटी स्कैन समेत दूसरी जांचें कराई। 

दिमाग में  नजर आया कांच

इसके बाद डॉक्टरों ने सिर का ऑपरेशन करने का फैसला किया। न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉ. अंकुर बजाज, डॉ. मित्रजीत, डॉ. साहिल, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. बृजेश प्रताप सिंह, नेत्र रोग विभाग के डॉ. गौतम व डॉ. प्रियंका ने मिलकर मरीज का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के मरीज स्वस्थ है। उसकी आंखों की रोशनी भी लौट आई है। कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने ऑपरेशन टीम को बधाई दी है।

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