टूरिस्ट वीजा पर आईं थाईलैंड-उज्बेकिस्तान की महिलाएं कर रहीं अनैतिक काम, वकील की मदद से बनाए गए जाली रेंट एग्रीमेंट, रिपोर्ट दर्ज
लखनऊ, अमृत विचार: थाईलैंड और उज्बेकिस्तान की महिलाओं को टूरिस्ट वीजा पर लखनऊ बुलाकर ओमेक्स व डीएलएफ के फ्लैटों में रुकवाया जा रहा है। उसके बाद महिलाएं स्पा की आड़ में अनैतिक कार्य को बढ़ावा दे रही हैं। लगातार कई विदेशियों के मामले सामने आने के बाद एफआरआरओ ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन ने रेंट एग्रीमेंट की जांच की तो अधिवक्ता सत्य प्रकाश का नाम सामने आया। पता चला कि आरोपी ने फर्जीवाड़ा कर अपनी मोहर का इस्तेमाल किया है। आरोप है कि इस सिंडिकेट में और लोग भी शामिल हैं। पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सिंह सेंगर के निर्देश पर गोमतीनगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय द्वारा तहरीर में बताया कि अधिवक्ता सत्य प्रकाश लखनऊ कलेक्ट्रेट में प्रैक्टिस करते हैं। आरोप है कि आरोपी सत्य प्रकाश ने कई गलत लोगों को नोटरी से संबंधित कार्य की सुविधा दी है। यही नहीं आरोपी ने नोटरी के पेपर को अपने नाम की मोहर के साथ सत्यापित भी किया है। सत्य प्रकाश के कई किराया समझौते के पेपर का सत्यापन किया गया तो जालसाजी के प्रमाण मिले।
आराेप है कि थाइलैंड की कई महिलाओं को बिजनेस वीजा के बहाने से लखनऊ बुलाया गया। जबकि उक्त महिलाएं लखनऊ के कई स्पा में काम करती मिली हैं। उक्त महिलाओं को स्वदेश भेजते हुए भविष्य में भारत आने पर ही ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। इसी तरह उज्बेकिस्तान की महिलाओं को 2018 और 2020 से लखनऊ में ओमेक्स व डीएलएफ बिल्डरों के कई फ्लैटों पर बिना पर्यटक वीजा पर आवास दिलाया गया। इस बात की जानकारी प्रवर्तन एजेंसियों को भी नहीं दी गयी।
आरोप है कि यह अंतरराष्ट्रीय रैकेट भारतीय एजेंटों और सहयोगियों की मदद से उज्बेकिस्तान की महिलाओं के अनैतिक कार्य को बढ़ावा दे रहे हैं। एफआरआरओ को इसके प्रमाण सत्य प्रकाश के कई किराया समझौते में मिले हैं। आरोप है कि साजिश के चलते सत्य प्रकाश स्टांप में दर्ज पंजीकरण में मामूली बदलाव कर कई स्टांप का इस्तेमाल कर हेराफेरी कर रहे हैं। एडिशनल इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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