ई-गवर्नेंस और एआई से शासन होगा पारदर्शी और जवाबदेह... सुरक्षा और सुशासन से सजेगा विकसित यूपी @2047 का सपना

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Published By Muskan Dixit
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हर जिले में आधुनिक कमांड सेंटर और एआई निगरानी प्रणाली

लखनऊ, अमृत विचार। योगी सरकार ने वर्ष 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने के विज़न को साकार करने की दिशा में ठोस कार्ययोजना तैयार कर ली है। तीन मिशन, तीन थीम और 12 सेक्टर की मजबूत रुपरेखा तय करते हुए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ''विकसित यूपी'' का लक्ष्य केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं होगा, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा के नए मानक भी स्थापित करेगा। सुरक्षा व सुशासन के साथ ई-गवर्नेंस और एआई से शासन पारदर्शी और जवाबदेह होगा।

कार्ययोजना के अनुसार ''सुरक्षा एवं सुशासन'' सेक्टर को सबसे अहम स्तंभ माना गया है। मुख्यमंत्री योगी का मानना है कि भयमुक्त, सुरक्षित और पारदर्शी शासन ही मजबूत अर्थव्यवस्था की आधारशिला है। गृह विभाग, होमगार्ड, भाषा और सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए सरकार इस दिशा में सतत काम कर रही है। लक्ष्य है कि 2030 तक सभी जिलों में आधुनिक कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित हों, हर जिले की विकास योजनाएं और मास्टर प्लान तैयार हों और हर घर-हर संस्थान तक हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचे। वहीं 2047 तक प्रदेश को रोड सेफ्टी में ग्लोबल स्टैंडर्ड पर पहुंचाना, जीरो एक्सीडेंट विजन को साकार करना और पूर्ण रूप से पारदर्शी व जवाबदेह प्रशासन खड़ा करना शामिल है।

सुरक्षा एवं सुशासन सेक्टर में सरकार ने ''स्मार्ट गवर्नेंस'', ''स्मार्ट पुलिसिंग'' और ''जीरो टॉलरेंस'' को आधार बनाया है। इसमें रियल टाइम मॉनिटरिंग डैशबोर्ड, आउटकम बेस्ड बजटिंग, रोड सेफ्टी इंफोर्समेंट, बिजनेस कॉन्फिडेंस, क्राइम और करप्शन पर सख्ती तथा पुलिस आधुनिकीकरण को केंद्र में रखा गया है।

पांच साल के लिए तय किए लक्ष्य

- स्मार्ट पुलिसिंग द्वारा हर नागरिक, बेटी, व्यापारी, किसान व गरीब की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

- सभी जिलों में सीसीटीवी नेटवर्क, एआई आधारित निगरानी और आधुनिक कमांड सेंटर का विस्तार।

- ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म और एआई आधारित निर्णय प्रणाली से पारदर्शी और जवाबदेह शासन।

- एकीकृत रियल टाइम डैशबोर्ड से विकास परियोजनाओं व संसाधनों की निगरानी।

मध्यम व दीर्घ अवधि लक्ष्य

-उन्नत प्रवर्तन व निगरानी प्रणाली से "जीरो एक्सीडेंट विजन" प्राप्त करना।

-सभी जिलों के लिए विकास योजनाएं व मास्टरप्लान तैयार कर संतुलित विकास।

-उच्च गति ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से स्मार्ट ग्रिड, ई-मीटरिंग और डिजिटल ऊर्जा प्रबंधन को बढ़ावा।

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