यूपी में जिलावार अद्यौगिक यूनिटें लगाने की कवायद तेज.... 30 हजार एकड़ से अधिक लैंड बैंक उद्योगों के लिए किया रिजर्व
इसी आधार पर जिलाधिकारियों की परफारमेंस रिपोर्ट की समीक्षा भी करेगी सरकार
लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बनाने के लक्ष्य के तहत जिलावार अद्यौगिक यूनिटें लगाने की कवायद तेज कर दी गई है। राज्य सरकार ने एक्सप्रेसवे और दूसरे राजमार्गों के किनारे 30000 एकड़ से अधिक लैंड बैंक उद्योगों के लिए रिजर्व कर रखी थी। इस पर देशी-विदेशी कंपनियों को अपने-अपने उद्योग लगाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जिलावार चलने वाली इस कवायद को मजबूती से अंजाम देने वाले जिलाधिकारियों न केवल परफारमेंस रिपोर्ट की सरकार समीक्षा करेगी बल्कि उनकी सर्विस बुक में इसी के मद्देनजर गुड इंट्री की जाएगी।
इसी बीच राज्य सरकार प्रदेश के लगभग सभी जिलों में औद्योगिक प्लॉट्स के आवंटन के लिए मेगा ई-नीलामी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने जा रही है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश में नए उद्यम लगाने के लिए इच्छुक उद्यमियों को औद्योगिक प्राधिकरणों द्वारा न केवल भूमि उपलब्ध करायी जाए, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इसमे पूरी पारदर्शिता रखी जाए। बीते दिनों यूपीसीडा ने भी मथुरा, मैनपुरी, शाहजहांपुर, हमीरपुर, जालौन, झांसी, फतेहपुर, कानपुर, बांदा, बागपत, उन्नाव, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, वाराणसी व अमेठी में औद्योगिक भूखंड आवंटन किया है।
इधर, गोरखपुर, बाराबंकी व सीतापुर में भी तीन कंपनियों को 383.22 करोड़ रुपये निवेश की स्वीकृति दी गई है। हाल ही में औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के अंतर्गत प्रस्तावित निवेश के लिए लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी) जारी किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
