घर-घर जाकर वास्तविक मतदाताओं को चिन्हित करेगी BLO टीम, पंचायत चुनाव से पहले लगातार सामने आया वोटर डुप्लीकेसी के केस
लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव से पहले बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर पहुंचकर वास्तविक मतदाताओं को चिन्हित करेगें। खासकर ऐसे वोटर्स की पहचान की जानी है जो न केवल दो अलग-अलग स्थानों के मतदाता हैं बल्कि दोनों स्थानों पर वोट भी करते आए हैं। उदाहरण के तौर पर गांव क्षेत्र का वोटर शहर में भी वोटर है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव से पहले वोटर डुप्लीकेसी के मामले सामने आए हैं। ऐसे प्रकरणों को आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस के माध्यम से पकड़ा गया है। सूत्रों के मुताबिक एआई ने उन्नाव, हरदोई, कानपुर और बुंदेलखंड क्षेत्र के आसपास के लाखों डुप्लीकेट वोटर्स को चेक किया है।
ऐसे में चुनाव आयोग ने इन डुप्लीकेट नामों की पुष्टि के लिए अब भौतिक सत्यापन की कवायद शुरू करने का कदम उठाया है। इसके तहत स्थानीय अधिकारियों और बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की टीमें घर-घर जाकर वास्तविक मतदाताओं को चिन्हित करेंगी। यह कदम चुनावों की विश्वसनीयता को बनाए रखने और फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए उठाया गया है। इतना ही नहीं, चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की कवायद के तहत आमजन से भी सही वोटरों की पहचान कराने की अपील की गई है।
इससे पहले सैकड़ों डुप्लीकेट प्रविष्टियों का खुलासा तब हुआ जब राज्य सरकार ने मतदाता सूचियों को अपडेट करने और सत्यापन के लिए एआई तकनीक का उपयोग शुरू किया। राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, इन डुप्लीकेट वोटर्स में कई ऐसे हैं जो शहर और गांव दोनों जगह वोट डाल रहे हैं। एआई से चिन्हित ऐसे वोटरों की सूची जिला मुख्यालय भेजी गई है, जिनका अब घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
निकट भविष्य में भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अगर यह अभियान सफल रहा, तो यह पूरे देश में मतदाता सूचियों को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक फार्मूला बन सकता है। इस बीच, चुनाव आयोग ने जनता से भी सहयोग की अपील की है ताकि वास्तविक वोटर्स की पहचान हो सके।
