Bareilly : बाढ़ का पानी कम हुआ, मगर नहीं टला गांवों में खतरा
बरेली, अमृत विचार। किच्छा, देवहा, रामगंगा समेत अन्य नदियों के पानी में कमी आई है। उसके बाद भी कई गांवों में खतरा कम नहीं हुआ है। जिले के सैकड़ों गांवों में पानी भरा हुआ है। वहीं, तमाम जगहों पर कटान जारी है। प्रशासन की ओर से गांवों में दौरा करने के साथ ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की जा रही है। बाढ़ खंड का दावा है कि रामगंगा अब खतरे से ढाई मीटर दूर बह रही है।
भदपुरा की ग्राम पंचायत जरपा मोहनपुर गांव देवहा नदी में सैलाब आने के बाद से चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है। शुक्रवार को एसडीएम नवाबगंज उदित पवार, नायब तहसीलदार सत्यवीर सिंह लेखपाल के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को लेकर गांव पहुंचे। यहां डॉ. अंशुमान पटेल ने ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाइयां वितरित कीं। एसडीएम उदित पवार ने बताया कि अब सैलाब का पानी नहीं है। रास्ते में एक जगह गड्ढा होने के कारण वह ट्रैक्टर पर बैठकर गांव पहुंचे। ग्राम प्रधान राजेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि ट्रैक्टर ट्राली से राहत व खाद्यान्न सामग्री कोटेदार लेकर पहुंचे और लोगों को वितरित कीं।
वहीं, भुता क्षेत्र के गांव केसरपुर से बरेली जाने वाले मार्ग को प्रशासन ने बल्ली लगाकर बंद कर दिया है। यहां बहगुल नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद से पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। ग्राम सिंगाई मुराबान, सकतपुरा, रहेपुरा, अधकटा, दासपुर, पारापुर समेत अन्य गांवों के लोग जान जोखिम में डालकर डनलप आदि पर सवार होकर निकल रहे थे। प्रशासन ने पानी की बहाव देख रास्ता बंद कर दिया। एसडीम सदर प्रमोद ने जाकर मौका मुआयना भी किया।
किच्छा नदी का जलस्तर भी हो रहा कम
उत्तराखंड के गौला बैराज से पानी छोड़े जाने पर किच्छा नदी में पानी का जलस्तर काफी बढ़ गया था। नदी का पानी राजपुरा, नारायन नगला, गोटिया, रतनपुर आदि गांवों में भरने लगा था। बाढ़ खंड के एई अमित किशोर ने बतायाक किच्छा नदी का जलस्तर कम हो रहा है। रामगंगा भी खतरे के निशान से दूर है। देवहा, बहगुल समेत अन्य नदियों में भी शुक्रवार सुबह से पानी लगातार घट रहा है।
