Bareilly news: फल विक्रेता की गर्दन और रीढ़ की हड्डी तोड़कर की गई थी हत्या
बरेली, अमृत विचार। सीबीगंज थाना क्षेत्र में स्मैक तस्करी की मुखबिरी के शक में फल विक्रेता भूरे की हत्या बहुत ही बेरहमी से की गई थी थी। शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गर्दन और रीढ़ की हड्डी टूटने से मौत होने की पुष्टि हुई है। उधर दोनों हत्यारोपी घर से फरार हैं। दोनों पर स्मैक तस्करी समेत कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
गांव तिलियापुर निवासी अजीम ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके पिता भूरे (58) को गुरुवार शाम 5 बजे के करीब उसके गांव के ही इमरान और वसीम घर से बुलाकर ले गए। उसके बाद तिलियापुर और परधौली गांव के बीच ले जा कर उनकी बेरहमी से पिटाई की। उन्हें दोनों मरणासन्न हालात में एक प्लॉट में फेंककर फरार हो गए। रात करीब 8 बजे खुशबुद्दीन का फोन आया कि उसके पिता तिलियापुर और परधौली के बीच प्रधान के प्लॉट पर मरणासन्न हालत में पड़े हैं। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी और मौके पर पहुंचा। आरोप है कि इमरान और वसीम ने स्मैक तस्करी की पुलिस मुखबिरी के शक में उसके पिता की हत्या की है।
उधर मौत से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर जमकर हंगामा किया। पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया। उसके बाद थाना प्रभारी सुरेन्द्र पाल सिंह दो आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। पीड़ित ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी शुरू में एनसीआर तक दर्ज करने से बचते रहे। अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए थाना पुलिस कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। जबकि इंस्पेक्टर का कहना है कि आरोपियों की तलाश की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अब गैर इरादन हत्या की धारा बढ़ाई जाएगी।
विवादों से पुराना नाता, 52 दिन में हुए थे लाइन हाजिर
शाहजहांपुर के सदर थाने में तैनाती के दौरान थाना प्रभारी सुरेन्द्र पाल फरियादियों की बात न सुनने और मामूली विवादों में रुचि न लेने के आरोप में 52 दिन में ही लाइन हाजिर दिए गए थे। 2 दिसंबर को ओसीएफ के रामलीला मैदान पर आयुष गुप्ता हत्याकांड में तत्कालीन एसपी ने सदर इंस्पेक्टर रवींद्र सिंह को हटाकर एएचटीयू से सुरेंद्र पाल सिंह को थाने की कमान सौंपी थी लेकिन वह अधिकारियों के मानकों पर खरे नहीं उतरे। शाम को सीयूजी नंबर स्विच ऑफ कर लेने, क्षेत्र में सक्रियता के बजाय थाने में बने रहने समेत अन्य शिकायतें अधिकारियों तक पहुंची। इतना ही नहीं इंस्पेक्टर को सुधार के लिए मौका देते हुए एसपी ने एक बार स्पष्टीकरण भी तलब किया। जिस पर उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया था। थाना प्रभारी सुरेन्द्र पाल सिंह बरेली में इससे पहले फतेहगंज पश्चिमी में तैनात थे। यहां से भी उन्हें जल्द हटाया गया था।
