Barabanki News: शिक्षकों को राहत, मुख्यमंत्री के फैसले से जगी उम्मीद, शिक्षक संघों ने जताया आभार

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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टेट अनिवार्यता पर सरकार दाखिल करेगी पुनर्विचार याचिका, सीएम ने दिया बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश

बाराबंकी, अमृत विचार। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1 सितंबर को पारित उस आदेश के विरुद्ध जिसमें सभी कार्यरत शिक्षकों के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया था, अब उत्तर प्रदेश सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय प्रदेशभर के शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ समेत अन्य संगठनों के बैनर तले हजारों शिक्षक अपनी सेवा सुरक्षा को लेकर लगातार ज्ञापन और आंदोलन के माध्यम से सरकार से अनुरोध कर रहे थे कि वह स्वयं सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करे। वहीं अब मुख्यमंत्री की पहल के बाद जनपद के परिषदीय शिक्षकों में उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है।

अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय ने कहा कि शिक्षकों के आंदोलन को बड़ी सफलता मिली है। सीएम योगी ने बेसिक शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए इसे एक सकारात्मक पहल बताया, जिससे शिक्षकों के अंदर नयी उम्मीद जगी है।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह ने कहा कि हम पहले दिन से ही सरकार से आग्रह कर रहे थे कि यह आदेश गलत तथ्यों के आधार पर हुआ है और सरकार को कोर्ट में सही तथ्य रखने चाहिए। उन्होंने बताया कि इस पहल के लिए हमारा शिक्षक संगठन मुख्यमंत्री को आभार प्रकट करता है।

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि 1 सितम्बर 2025 को आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से 20 लाख से अधिक शिक्षक मानसिक तनाव में थे, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले से उन्हें राहत मिली है। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों का पक्ष मजबूती से रखेगी, जिससे उनकी सेवा में कोई बाधा न आए।

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