डाक की दुनिया में नया दौर: तकनीक से सजे राष्ट्रीय डाक सप्ताह के रोमांचक आयोजन, जानें क्या है खास
अहमदाबाद। उत्तर गुजरात क्षेत्र के अहमदाबाद डाक मंडल के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने आज घोषणा की कि राष्ट्रीय डाक सप्ताह का धूमधाम से उत्सव 6 से 10 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें ढेर सारी रंगीन गतिविधियां शामिल होंगी। यादव ने बताया कि यह सप्ताह डाक सेवाओं के ताजा आविष्कारों को जन-जन तक पहुंचाने और ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के मकसद से समर्पित होगा। इस बार का आयोजन डाक जगत की तकनीकी प्रगति के अनुरूप ढाला गया है, जो भारत डाक के आधुनिक चेहरे और सृजनात्मक ऊर्जा को उजागर करेगा।
पिछले दिनों शुरू हुई एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी 2.0 के जरिए डाक नेटवर्क अब पहले से कहीं ज्यादा फुर्तीला, भरोसेमंद और स्पष्ट हो चुका है। पुरानी परंपरागत सुविधाओं के साथ-साथ डाकघर अब जनता-केंद्रित मदद और आर्थिक सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचा रहे हैं। वित्तीय एकीकरण, डिजिटल ताकत और दूरस्थ इलाकों तक पहुंच इसे और मजबूत बना रही है।
यादव ने कहा कि सप्ताह भर हर दिन एक खास उत्पाद या सुविधा पर नजर रहेगी, जिसके इर्द-गिर्द कई तरह की मनोरंजक और उपयोगी गतिविधियां होंगी। 6 अक्टूबर को तकनीकी नवाचारों का दिन, 7 अक्टूबर को आर्थिक समावेश का अवसर, 8 अक्टूबर को स्टांप संग्रह और जन-सेवाओं का जश्न, 9 अक्टूबर को वैश्विक डाक दिवस, तथा 10 अक्टूबर को देशव्यापी ग्राहक सम्मान दिवस के रूप में चिह्नित होगा। इस बार वैश्विक डाक दिवस का नारा है '#पोस्ट फॉर पीपल, लोकल सर्विस ग्लोबल रीच'।
पोस्टमास्टर जनरल ने स्पष्ट किया कि वैश्विक डाक दिवस का मर्म है दुनिया भर में डाक सेवाओं की आम जिंदगी, कारोबार और सामाजिक-आर्थिक उन्नति में भूमिका को रेखांकित करना। 'एक दुनिया-एक डाक तंत्र' के सपने को साकार करने के लिए 9 अक्टूबर 1874 को स्विट्जरलैंड के बर्न में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की नींव रखी गई थी। भारत एशिया का पहला देश था, जिसने 1 जुलाई 1876 को इसमें शामिल होकर इतिहास रचा। बाद में 1969 में जापान के टोकियो में हुई यूपीयू बैठक में इसी तारीख को वैश्विक डाक दिवस घोषित कर दिया गया।
युवाओं में डाक संचालन और तकनीक की समझ जगाने के लिए स्कूलों के बच्चों को डाकघरों व मेल दफ्तरों की सैर पर बुलाया जाएगा, ताकि वे इस प्रणाली के गहन कार्यों और गौरवशाली अतीत से रूबरू हो सकें। इसके अलावा कई रोचक और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम होंगे, जैसे क्विज प्रतियोगिताएं, डाक टिकटों पर रचनात्मक डिजाइन चैलेंज और 'ढाई अक्षर पत्र' लेखन मुकाबला। बड़े ग्राहकों के लिए विशेष मुलाकात सत्र रखे जाएंगे, जहां मेल-पार्सल सेवाओं में नई शुरुआतों की जानकारी साझा होगी। साथ ही, डाकघर निर्यात हब पर जागरूकता सत्र आयोजित होंगे, जो स्थानीय हस्तशिल्प, भौगोलिक संकेत उत्पादों और लघु उद्योगों के निर्यातकों को बेहतर सहायता देंगे।
कृष्ण कुमार यादव ने और विस्तार से बताया कि राष्ट्रीय डाक सप्ताह में नई तकनीकों पर डाकघरों व रेल मेल सेवा में क्विज, वित्तीय समावेश के लिए ग्रामीण केंद्रित शिविर (सुकन्या योजना पर जोर), डाक जीवन बीमा व ग्रामीण डाक जीवन बीमा कैंप, हर तहसील व मुख्य डाकघर में डाक मंच चर्चा, स्कूली बच्चों के दौरे, क्विज, 'ढाई अक्षर पत्र' लेखन (विषय: मेरे प्रेरणास्रोत को पत्र), दीनदयाल स्पर्श योजना पर स्कूली शिविर, स्टांप संग्रह पर बातचीत, स्कूलों व दूरवर्ती इलाकों में आधार कार्ड कैंप, 'एक पेड़ मां के नाम' के तहत पौधारोपण, पोस्टाथॉन दौड़, राष्ट्रव्यापी पैदल यात्रा, 'वोकल फॉर लोकल' संदेश का प्रसार, तथा ग्राहक आदतों पर आधारित सड़क नाटक जैसी विविधतापूर्ण गतिविधियां होंगी। यह सप्ताह न केवल डाक सेवाओं को नया आयाम देगा, बल्कि समुदाय को जोड़ने का मजबूत पुल भी बनेगा।
