नवाबगंज में भाजपा विधायक ने कार्यकर्ताओं संग कोर्ट में किया सरेंडर, आठ साल पुराना था मामला, मिली जमानत
बरेली, अमृत विचार: नवाबगंज से भाजपा विधायक डॉक्टर एमपी आर्य सहित आधा दर्जन कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को आठ साल पुराने एक केस में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में सरेंडर किया। सुनवाई के बाद अदालत ने सभी को जमानत दे दी।
भाजपा नेता डॉक्टर एमपी आर्य को पार्टी का टिकट न मिलने से खफा होकर उनके समर्थकों ने पार्टी के झंडे और पोस्टर आदि जला दिए थे। उस मामले में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में डॉ. एमपी आर्य के साथ ही भाजपा नेता विनोद गुप्ता, श्याम रस्तोगी, पूर्व विस्तारक संजीव गंगवार, शोभित गुप्ता, सोनू गंगवार, उमाकांत, भद्रसेन, नीरज शुक्ला, केदारनाथ आचार्य और आनन्द प्रकाश को आरोपी बनाया गया था। पूर्व में केस न्यायिक मजिस्ट्रेट नवाबगंज में चल रहा था, लेकिन जब एमपी आर्य विधायक बन गए, इसके बाद केस एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। इसी दौरान नीरज शुक्ला, केदारनाथ आचार्य और आनन्द प्रकाश की मौत हो गई। इधर शेष आरोपियों के कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे, जिस पर गुरुवार को सभी ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजीव गंगवार ने सभी की जमानत अर्जी दाखिल की। इसमें बहस सुनने के बाद कोर्ट ने सभी की जमानत मंजूर कर ली और जमानती दाखिल करने के बाद सभी को रिहा कर दिया। इसके अलावा विधायक डॉ एमपी आर्य के खिलाफ 2022 में कोरोना के समय अपने कार्यालय का उद्घाटन करते समय भारी भीड़ जमा की गई थी। इसकी रिपोर्ट तत्कालीन मजिस्ट्रेट चन्दन लाल ने डॉक्टर एमपी आर्य के खिलाफ दर्ज़ कराई गई थी, इस मामले में भी कोर्ट ने जमानत दे दी।
