बाराबंकी देवा मेला : घोड़ा बाजार में ठेकेदारों की मनमानी चरम पर, खुलेआम हो रही अवैध वसूली
जिलाधिकारी से शिकायत कर दो, फर्क नहीं पड़ता, ठेकेदारों का दबंगई भरा बयान
देवा/ बाराबंकी, अमृत विचार। देवा मेला के घोड़ा बाजार में ठेकेदारों की मनमानी अब बेकाबू होती जा रही है। अवैध वसूली और बदइंतजामी से नाराज़ व्यापारी खुलकर अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं।
हैरानी की बात यह है कि ठेकेदार अब खुलेआम कह रहे हैं कि जिलाधिकारी से शिकायत कर दो, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। यह बयान न सिर्फ प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि मेले में चल रही ठेकेदारी व्यवस्था की पोल भी खोलता है।
शुक्रवार को जब अमृत विचार की टीम मौके पर पहुंची, तो घोड़ा व्यापारियों में भारी असंतोष देखा गया। हाथरस से आए व्यापारी आसिफ ने बताया कि उनके सेक्टर में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे उन्हें रात में घोर अंधेरे में रहना पड़ता है।
इससे जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा बना रहता है, लेकिन किसी को कोई परवाह नहीं है। व्यापारियों ने बताया कि प्रत्येक घोड़े के नाम पर 1000 रुपये और टोकन शुल्क के नाम पर 200 रुपये अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं, यानी कुल 1200 रुपये प्रति घोड़ा की जबरन वसूली की जा रही है।
हाथरस के ही व्यापारी आरिफ ने जब इस अनियमितता पर आपत्ति जताई तो उन्हें ठेकेदारों की धमकी मिली कि जिलाधिकारी से शिकायत कर दो, हमें फर्क नहीं पड़ता।” यह रवैया साफ तौर पर दर्शाता है कि ठेकेदारों को प्रशासन का कोई भय नहीं रह गया है।
व्यापारियों का आरोप है कि देवा मेला प्रदर्शनी समिति द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर शुल्क दरों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है, फिर भी ठेकेदार खुलेआम इन आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं और अधिकारियों की आंखों के सामने अवैध वसूली जारी है। हालांकि एडीएम डॉ. अरुण कुमार सिंह ने मामले में कार्रवाई की बात कही है।
