पीलीभीत: चढ़ूनी ने धान खरीद में धांधली पर दागे सवाल, डिप्टी आरएमओ ने दिए गोलमोल जवाब
पीलीभीत, अमृत विचार। संगठन के जिलाध्यक्ष पर हुए हमले और किसानों को धान खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने आदि मुद्दों को लेकर पीलीभीत पहुंचे भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने डीएम-एसपी समेत खरीद से जुड़े अन्य अधिकारियों से सीधी बात की। धान खरीद में होने वाली धांधलियों को लेकर सवाल भी दागे। इस पर डिप्टी आरएमओ ने शुरुआत में शासनादेश और मंडी की नियमावली का हवाला देते हुए बचाव करने का प्रयास करते दिखे लेकिन अंत में जवाब नहीं दे पाए।
बता दें कि तीन अक्टूबर से सरकारी धान खरीद की शुरुआत की गई है। 132 क्रय केंद्र बनाए गए हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य 2369 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। पहले ही सप्ताह में धान खरीद के बीच हुए विवाद व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए। पूरनपुर में तो बाहरी बिचौलियों का धान रोकने के प्रयास में भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी के जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह कहलो फायरिंग में घायल भी हो गए। इस मामले में राइस मिलर अजमेर सिंह छीना समेत दो लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर कराई गई है। वहीं, राइस मिलर्स ने रंगदारी मांगने समेत कई आरोप प्रेसवार्ता कर लगाए। प्रकरण के तूल पकड़ने के बाद शनिवार को भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह चढ़ूनी कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ पीलीभीत पहुंचे।
पहले हमले में घायल हुए जिलाध्यक्ष समेत अन्य स्थानीय कार्यकर्ताओं से बात की और पूरे मामले को बारीकी से जाना। इसके बाद करीब 16 पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल डीएम ज्ञानेंद्र सिंह, एसपी अभिषेक यादव से मुलाकात करने के लिए कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पहुंचा। यहां सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर, डिप्टी आरएमओ वीके शुक्ला भी थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शुरुआत करते हुए डीएम-एसपी से सवाल किया कि राइस मिलर समेत अन्य व्यापारी सीधे खरीद कर किसान का दाम औने-पौने दाम पर खरीद रहे हैं। बाद में यही धान एमएसपी पर सरकारी खरीद में शामिल कर दिया जाएगा। मगर, किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ कैसे दिलाएंगे।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि गड़बड़ी डिप्टी आरएमओ, मंडी और क्रय केंद्र स्तर से ही की जाती है। जिसमें राइस मिलर और अन्य व्यापारियों को लाभान्वित कर किसान को लुटने पर मजबूर किया जा रहा है। इस पर डिप्टी आरएमओ ने शासनादेश का तर्क दे दिया। मंडी की नियमावली का हवाला दिया गया। राइस मिल के सीधी खरीद करने और उस पर एमएसपी लागू न होने से जुड़े डिप्टी आरएमओ के जवाब पर चढ़ूनी ने एक-एक प्रति शासनादेश की मांगी। जिसके बाद मंडी सचिव को कॉल लगाकर स्पीकर ऑन कर राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात कराई गई।
इस दौरान कई बिंदुओं पर गोलमोल जवाब चले और अंत में कोई नतीजा नहीं निकल सका। ये सवाल किया गया कि अगर एक ही मिल पर सरकारी और निजी दोनों धान होंगे तो इसकी मॉनिटरिंग कैसे की जाएगी। कई अन्य सवाल भी किए गए। जिस पर अधिकारियों ने आश्वस्त किया। इसी बीच बिना धान के किसानों द्वारा अंगूठा लगाने की बात कही गई। जिसे डिप्टी आरएमओ ने पहले इन्कार कर दिया। इसी दौरान प्रतिनिधि मंडल में शामिल एक किसान ने उठकर इसके साक्ष्य दे दिए।
जिसके बाद डिप्टी आरएमओ चुप्पी साध गए और पूर्व की कार्रवाईयां गिनाना शुरू कर दिया। चढ़ूनी के सवालों के आगे अंत में ये तक कह गए कि पूरी तरह तो नहीं कुछ प्रतिशत गड़बड़ी से इन्कार नहीं किया जा सकता। फिर किसान को एमएसपी का लाभ दिलाने पर जोर दिया और कई बिंदुओं पर वार्ता चली। जिसके बाद डीएम ने कहा कि वह खुद इसे लेकर ठोस कदम उठाएंगे। अंत में जिलाध्यक्ष पर हुए हमले पर बात की गई। इस पर एसपी ने विवेचना में निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इन बिंदुओं पर रखी गई मांगे
- क्रय केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
- किस सेंटर ने अभी तक कितना धान खरीदा और स्टॉक कितना है, इसकी जांच हो।
- राइस मिल में औंचक छापामारी कर स्टॉक चेक करें।
- जीपीएस लगे वाहनों की भी चेकिंग की जाए।
- ऑनलाइन नहीं धरातल पर हो किसान और फसल का सत्यापन।
