हवा के बाद अब पानी भी प्रदूषित: रिसर्च में खुलासा, यूपी के इस जिलें की बड़ी आबादी पी रही भूगर्भ का दूषित जल
भदोही। उत्तर प्रदेश में कालीनों के शहर भदोही में वॉशिंग व डाइंग प्लांटों के प्रदूषित पानी को मानकों के विरुद्ध भूगर्भ में प्रवाहित करने से शहरी क्षेत्र की एक बड़ी आबादी के लिए अल्सर व कैंसर सहित तमाम बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो गया है। भदोही में भूगर्भ जल की स्थिति बेहद खराब है। भूगर्भ का प्रदूषित पानी कई तरह की गंभीर बीमारियां बांट रहा है। जहां पानी में फ्लोराइड, सोडा, कांच, नाइट्रेट व अन्य रसायनों की मात्रा निर्धारित मानकों से काफी अधिक हैं।
विषैले रसायनों के कारण शहरी क्षेत्र व आसपास के तमाम गांवों के लोगों के लिए लीवर, थायराइड, चेस्ट व किडनी की गंभीर बीमारियों की शिकायतें आम हो गई हैं। एक सामाजिक संस्था द्वारा हाल में किए गए शोध में काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जहां भूमिगत जल में नाइट्रेट की मात्रा 45 से 47 मिलीग्राम प्रति लीटर है। इसी तरह फ्लोराइड, सोडा व कांच की मात्रा निर्धारित मानकों से काफी अधिक है।
विशेषज्ञों की मानें तो इसके कारण लोगों में लीवर, आंत, फेफड़ों, डेंटल, हड्डियों के कमजोर और स्केलेटल फ्लोरोसिस जैसी स्वास्थ्य समस्याएं आम हो गई हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कालीन नगरी में चल रहे वॉशिंग व डाइंग प्लांटों के प्रदूषित पानी को इटीपी में बिना शोधित किए बोरिंग के माध्यम से भूगर्भ में प्रवाहित कर दिया जाता है। जिससे भूगर्भ का पानी पीने योग्य नहीं रहा।
कालीन नगरी का सुविधा संपन्न तबका तो बाजार से मिनरल वाटर खरीद कर सेवन करता है लेकिन गरीब लोग जाने-अनजाने में जहरीला पानी पीकर गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं। पिछले दो माह के महाराजा चेतसिंह राजकीय जिला चिकित्सालय से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो एक दर्जन से अधिक नए मामले किडनी की गंभीर बीमारियों के सामने आए हैं, जो चिंता का गंभीर विषय है। डायलिसिस विभाग के वरिष्ठ टेक्निशियन विनय कुमार ने बताया कि कुल 107 किडनी रोगियों का इस समय अस्पताल में उपचार चल रहा है।
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