बाराबंकी : 3 वर्षों से देवा मेला मंच की पहचान बने आशीष पाठक, बिखेर रहे अल्फाजों का जादू

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Published By Deepak Mishra
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शब्दों के जादू से लोगों के दिलों पर कर रहे राज

देवा/बाराबंकी, अमृत विचार। देवा मेला की रौनक केवल झूलों और दुकानों तक सीमित नहीं है, इसकी असली आत्मा उस सांस्कृतिक मंच से झलकती है जहां देशभर के नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधते हैं। इस मंच की पहचान बन चुके हैं मंच संचालक आशीष पाठक, जिनकी जादुई आवाज और साहित्यिक अंदाज ने पिछले 13 वर्षों से दर्शकों के दिल में खास जगह बना ली है।

शब्दों के जादूगर आशीष पाठक सिर्फ एंकर नहीं, एक सधी हुई प्रस्तुति के सूत्रधार हैं, जो हर कार्यक्रम को खूबसूरत अल्फाजों में पिरोकर दर्शकों तक पहुंचाते हैं। शेर, मुक्तक, छंद और कविता के माध्यम से वह हिन्दी और उर्दू दोनों भाषाओं में मंच को जीवंत बना देते हैं। उनकी विशिष्ट शैली ही है कि वे रूप कुमार राठौड़, जावेद अली, पद्मश्री पीनाज मसानी, मालिनी अवस्थी, चंदन दास, विनोद राठौड़, निजामी बंधु जैसे कलाकारों के कार्यक्रमों की शान बन चुके हैं।

भौतिक विज्ञान विषय के प्रवक्ता होने के साथ-साथ आशीष पाठक जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक भी हैं और विज्ञान के प्रसार के लिये कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही वे लोकसभा, विधानसभा व निकाय चुनावों में मास्टर ट्रेनर के रूप में कई वर्षों से सफलतापूर्वक प्रशिक्षण दे रहे हैं। दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके विज्ञान विषयक कार्यक्रम भी प्रसारित हो चुके हैं।

आशीष पाठक आज देवा मेला की पहचान बन चुके हैं, जो हर साल इस सांस्कृतिक मंच को अपनी आवाज़ से जीवंत कर देते हैं। उनकी बहुमुखी प्रतिभा को देखते हुए पूर्व जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार, रोशन जैकब, योगेश्वर राम मिश्रा, अखिलेश तिवारी सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। देवा मेला, महादेवा महोत्सव और राजधानी लखनऊ के अनेक कार्यक्रमों में उनकी आवाज आयोजन की गरिमा बढ़ाती है।

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