बाराबंकी : मजनू की विरासत का वो हक़दार नहीं... देवा मेला के मुशायरे में शायरों ने दिलों को छू लिया

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

देवा/बाराबंकी, अमृत विचार। देवा मेला के अंतर्गत आयोजित 101वें ऑल इंडिया मुशायरे में देशभर से आए मशहूर शायरों ने अपनी शायरी से समां बांध दिया। ऑडिटोरियम में हुए इस यादगार आयोजन की शुरुआत मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली ने शमा रोशन कर की।

विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप और अध्यक्षता इमरान-उर-रहमान किदवई ने की। संचालन शायर अबरार काशिफ ने किया। कार्यक्रम में चौधरी तालिब नज़ीब कोकब के नेतृत्व में मेला कमेटी ने सभी मेहमानों और शायरों का शाल ओढ़ाकर और मोमेंटो भेंटकर सम्मान किया। इसी अवसर पर पत्रिका आबसार 2025 का विमोचन भी किया गया।

cats

मुशायरे की शुरुआत अज्म शाकिरी के शेर नहर से इक नहर जारी कर रहा हूं... से हुई। फैज कुमार ने अपनी गजलों इतने ग़म पहले मुहब्बत ने दिए मुझको... और शेहरा में जो रहने का तलबगार नहीं है... पढ़कर खूब तालियां बटोरीं। शहबाज़ तालिब ने पढ़ा तरसेंगे वही लोग मुहब्बत की हवा को..., तो वहीं मशहूर शायरा शबीना अदीब ने अपने शेर कुछ गरीबों के दिन भी संवर जाएंगे... से श्रोताओं को भावुक कर दिया।

इसके अलावा डॉ. अंजुम बाराबंकी, मुमताज़ नसीम (अलीगढ़), अबरार काशिफ (अमरावती), डॉ. नदीम शाद और उस्मान मिनाई (बाराबंकी) की शायरी ने देर रात तक अदबी महफिल को रूहानी रंग में डुबोए रखा।

कार्यक्रम में हसमत उल्ला, फव्वाद किदवई, संदीप सिन्हा, डॉ. फार्रुख हुसैन किदवई, रानी मृणालिनी सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। देवा मेला की यह रात शेरो-शायरी, इश्क, इंसानियत और सामाजिक सरोकारों की गूंज के साथ लंबे समय तक याद रखी जाएगी।

संबंधित समाचार