स्प्रिचुअल टूरिस्ट गाइड में बेहतर भविष्य की संभावनाएं

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
On

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से स्प्रिचुअल टूरिज्म यानी धार्मिक पर्यटन में तेजी आई है। न केवल अयोध्या, बल्कि काशी, मथुरा, उज्जैन और अन्य धार्मिक स्थलों पर कॉरिडोर विकसित हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत स्प्रिचुअल टूरिज्म का वैश्विक केंद्र बनेगा, जो लाखों रोजगार पैदा करेगा। इसी क्रम में स्प्रिचुअल टूरिस्ट गाइड एक आकर्षक करियर विकल्प उभर रहा है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग के सहायक आचार्य पर्यटन डॉ. महेन्द्र पाल बताते हैं स्प्रिचुअल टूरिज्म में गाइड की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे पर्यटकों को धार्मिक स्थलों की आध्यात्मिक गहराई समझाते हैं।-डॉ. महेंद्र पाल सिंह सहायक आचार्य टूरिज्म, व्यवसाय प्रबंध एवं उधमिता विभाग, डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या

क्या होता है स्प्रिचुअल टूरिस्ट गाइड

Untitled design (71)

स्प्रिचुअल टूरिस्ट गाइड वह पेशेवर होता है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों पर पर्यटकों को गाइड करता है। वे मंदिरों, तीर्थों की इतिहास, पौराणिक कथाएं, रीति-रिवाज और सांस्कृतिक महत्व बताते हैं। सामान्य टूर गाइड से अलग, ये गाइड आध्यात्मिक अनुभव पर फोकस करते हैं, जैसे ध्यान, पूजा-अर्चना या योग सत्र आयोजित करना। पर्यटन विभाग के अधिकारी संजय सिंह कहते हैं कि ये गाइड पर्यटकों को सुरक्षित और सार्थक यात्रा प्रदान करते हैं, जिससे टूरिज्म बढ़ता है।

योग्यता 

इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए 12 वीं पास होना जरूरी है, लेकिन पर्यटन में डिप्लोमा या डिग्री होना बेहतर है। अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स, इतिहास-धर्म का ज्ञान और कम से कम दो भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी) का ज्ञान अनिवार्य। भारत सरकार से टूर गाइड लाइसेंस प्राप्त करना पड़ता है, जो क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर का हो सकता है। 
आने वाले समय में जॉब अपॉर्चुनिटी एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक टूरिज्म से 4-5 वर्षों में 2 लाख रोजगार सृजित होंगे, जबकि 2028 तक राजस्व 60 अरब डॉलर पहुंचेगा। स्किफ्ट रिपोर्ट कहती है कि 2030 तक स्प्रिचुअल टूरिज्म से 10 करोड़ रोजगार मिलेंगे। अयोध्या जैसे स्थलों पर गाइड, टूर ऑपरेटर, होटल मैनेजमेंट में मौके बढ़ेंगे। 

अवध विश्वविद्यालय में पढ़ाई और कोर्स की अवधि 

Untitled design (72)

आरएमएलएयू में बी.वोक (टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी) 3 वर्ष का कोर्स है, जिसमें टूरिज्म सब्जेक्ट शामिल है। एडमिशन के लिए 12 वीं में 50 प्रतिशत अंक जरूरी हैं। कोर्स की फीस करीब 20-30 हजार रुपये सालाना है। मास्टर इन टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन (एमटीए) 2 वर्ष का है। पर्यटन विभाग में गाइड, इंफॉर्मेशन ऑफिसर, टूर मैनेजर जैसे पद हैं। सरकारी लाइसेंस प्राप्त गाइड प्राथमिकता पाते हैं। 

टूरिस्ट डिपार्टमेंट में सैलरी 

अवध विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग के अनुसार औसत सैलरी 16-22 हजार रुपये मासिक है। लाइसेंस्ड गाइड 400-800 रुपये प्रति घंटा कमा सकते हैं। अनुभवी गाइड 3-5 लाख सालाना तक पहुंचते हैं। इसके अलावा सरकारी पदों पर 30-50 हजार से शुरू होती है। 
 
- अवध विश्वविद्यालय में कुल सीट - 60 
-छह वर्षों में हर वर्ष 80 प्रतिशत प्लेसमेंट 

 

 

संबंधित समाचार