बाराबंकी : देवउठनी एकादशी कल, योगनिद्रा से जागेंगे श्री हरि

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Published By Virendra Pandey
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शुभता, मंगल का आरंभ, मांगलिक कार्यों की शुरुआत

बाराबंकी, अमृत विचार। शनिवार को देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा से उठकर संसार का संचालन अपने हाथों में लेंगे। इस दिन मंदिरों के अलावा घरों में पूजन अर्चन के साथ ही दूसरे दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन होगा। पर्व उपयोगी वस्तुओं की खरीद शुक्रवार को की गई। 

हिन्दू धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व माना जाता है। इसी पावन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और पृथ्वी पर पुनः शुभता और मंगल का आरंभ होता है।

इस वर्ष देवउठनी एकादशी का पर्व कल शनिवार को मनाया जाएगा। पंचांग अनुसार एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 9:11 बजे प्रारंभ होकर 2 नवंबर शाम 7:31 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार व्रत व पूजा 1 नवंबर को ही की जाएगी। वहीं व्रत पारण का शुभ समय 2 नवंबर को दोपहर 1:11 बजे से 3:23 बजे तक रहेगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है।

श्रद्धालु भगवान को तुलसी, पुष्प, दीप, धूप और मिठाई अर्पित कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन पूजा और दान करने से पापों का नाश होता है और विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त होती है। देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास की समाप्ति होने के साथ ही विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और यज्ञ जैसे मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत फिर से हो जाएगी।

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