UP: चार साल बाद अदालत ने इंसाफ की इबारत लिख दरिंदे को सुनाया मौत का फरमान
श्याम मिश्र, शाहजहांपुर। साल 2021 में कांट थाना क्षेत्र में दो मासूम बच्चियों के अपहरण और एक की निर्मम हत्या के इस जघन्य कांड ने जिले को हिला दिया था। आरोपी को अदालत से मौत की सजा मिलने के बाद परिवार ने राहत की सांस ली है।
चार साल पहले घटना के बाद लगातार तीन दिन की छानबीन के बाद चौथे दिन पुलिस ने जब इस वारदात का खुलासा किया, तो पूरा जिला सन्न रह गया। जिसने इस अमानवीय घटना को अंजाम दिया, वह कोई अनजान नहीं बल्कि गांव का परिचित व्यक्ति था, जिसका नाम था अनिल उर्फ चमेली कंजड़ और उम्र थी 30 वर्ष। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर जब सच्चाई सामने लाई, तो यह साफ हुआ कि मासूम बच्चियों को उसने शहद खिलाने के बहाने बहलाकर खेत में ले जाकर यह दरिंदगी की थी।
पता चला था कि आरोपी अपने साथ बिस्कुट लेकर आया था और उसने बच्चियों को शहद व बिस्कुट देने का लालच दिया। बच्चियां पहले से उसे जानती थीं क्योंकि वह अक्सर गांव में आता-जाता था। इस भरोसे में वे उसके साथ चल दीं। गांव से करीब एक किलोमीटर दूर खेत पर अनिल ने सात वर्षीय बड़ी बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश की। बच्ची के शोर मचाने पर उसने पास में रखी खंती (छत्ता तोड़ने का डंडा) से उसके सिर पर वार किया, जिससे वह बेहोश हो गई। तभी छोटी बच्ची भागने लगी तो अनिल ने दौड़कर उसे पकड़ लिया और उसके सिर व चेहरे पर खंती से ताबड़तोड़ प्रहार किए, जिससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद अनिल साइकिल से वहां से भाग गया, लेकिन जल्दबाजी में खंती वहीं खेत में छोड़ गया। पुलिस ने जब घटना स्थल की जांच की तो ग्रामीणों ने खंती को पहचान लिया। इसके बाद शक की सुई अनिल पर आ गई। एसओजी और कांट थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने कई गांवों में दबिश दी और आखिरकार आरोपी को अजीजगंज मोहल्ले से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में अनिल ने अपना अपराध स्वीकार किया। उसने बताया कि वह अक्सर गांव में शहद के छत्ते तोड़ने, सांप-बिच्छू या अन्य जंगली जानवर पकड़ने के काम से आता था। गांव के लोग उसे जानते थे, और कई बच्चे उससे टॉफी-बिस्कुट लिया करते थे। इस बार वह नशे में था और बहकावे में आकर यह कृत्य कर बैठा। आईजी राजेश कुमार पांडेय ने पुलिस लाइन में पत्रकारों को बताया था कि आरोपी मानसिक रूप से असंतुलित प्रतीत होता है। जब उसे मीडिया के सामने लाया गया, तो उसके चेहरे पर न तो कोई भय था और न ही पश्चाताप के भाव। अधिकारियों ने कहा कि उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए चिकित्सीय जांच कराई जाएगी।
घटना का खुलासा करने के लिए एडीजी बरेली जोन अविनाश चंद्र, आईजी राजेश कुमार पांडेय और एसपी एस आनंद खुद नजर रखे हुए थे। एसओजी प्रभारी एसआई रोहित सिंह और कांट थाना प्रभारी मनोहर सिंह की टीम ने चौबीस घंटे से अधिक की लगातार मेहनत के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया। वारदात के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया था। ग्रामीण यह जानकर स्तब्ध रह गए कि जो व्यक्ति उनके बीच वर्षों से आता-जाता था, वही इतना बड़ा अपराध कर सकता है। बच्चियों के परिजनों ने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त खंती, खून से सने कपड़े, साइकिल और बिस्कुट के पैकेट बरामद किए थे।
