उत्तराखंड :  विधानसभा में राष्ट्रपति मुर्मू की नेताओं को सलाह, कहा- राजनीति से ऊपर उठकर करें काम

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

देहरादून : राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा, "हमारे संविधान निर्माताओं ने 'नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता' के निर्माण के लिए संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत प्रावधान किया था। संविधान निर्माताओं के नीति निर्देश के अनुरूप समान नागरिक संहिता विधेयक लागू करने से जुड़े उत्तराखंड विधान सभा के सदस्यों की मैं सराहना करती हूं।" उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि उत्तराखंड विधान सभा में 550 से अधिक विधेयक पारित किए गए हैं। इन विधेयकों में उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, उत्तराखंड जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था विधेयक तथा नकल विरोधी विधेयक शामिल हैं। 

पारदर्शिता, नैतिकता और सामाजिक न्याय से प्रेरित ऐसे विधेयकों को पारित करने के लिए मैं अतीत और वर्तमान के सभी विधायकों की सराहना करती हूं।" राष्ट्रपति ने कहा, "विधान सभाएं हमारी संसदीय प्रणाली का प्रमुख स्तम्भ हैं। बाबासाहब आंबेडकर ने कहा था कि संविधान निर्माताओं ने संसदीय प्रणाली को अपनाकर निरंतर उत्तरदायित्व को अधिक महत्व दिया था। जनता के प्रति निरंतर उत्तरदाई बने रहना संसदीय प्रणाली की शक्ति भी है और चुनौती भी।" 

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "विधायक-गण, जनता और शासन के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। जमीनी स्तर पर क्षेत्र की जनता से जुड़कर उनकी सेवा करने का अवसर मिलना बड़े सौभाग्य की बात है। एक विधायक के रूप में मुझे नौ वर्ष जन-सेवा का अवसर मिला था। अपने अनुभव के आधार पर मैं कह सकती हूं कि यदि विधायक सेवा-भाव से निरंतर जनता की समस्याओं के समाधान तथा उनके कल्याण में सक्रिय रहेंगे तो जनता और जन-प्रतिनिधि के बीच विश्वास का बंधन अटूट बना रहेगा। सामान्य जनता, जन-प्रतिनिधियों की निष्ठा को महत्व देती है।" राष्ट्रपति ने विधायकों से अनुरोध किया कि विकास तथा जन-कल्याण के कार्यों को आप सब पूरी निष्ठा के साथ आगे बढ़ाएं। ऐसे कार्य दलगत राजनीति से ऊपर होते हैं। समाज के वंचित वर्गों के कल्याण एवं विकास पर आप सब विशेष संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। साथ ही, युवा पीढ़ी को विकास के अवसर प्रदान करना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।" 

राष्ट्रपति मुर्मु ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि उत्तराखंड विधान सभा में इस वर्ष नेशनल इलेक्ट्रॉनिक विधान अप्लीकेशन की व्यवस्था का शुभारंभ हुआ है तथा इसके माध्यम से दो सत्रों का संचालन किया जा चुका है। इस एप्लिकेशन के जरिये आप सभी विधायक-गण, संसद तथा अन्य विधान-सभाओं एवं विधान-परिषदों के बेस्ट प्रेक्टिस को समझ सकते हैं, अपना सकते हैं। सदन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "उत्तराखंड में अनुपम प्राकृतिक संपदा और सौन्दर्य विद्यमान हैं। प्रकृति के इन उपहारों का संरक्षण करते हुए ही, विकास के मार्ग पर राज्य को आगे ले जाना है।

उत्तराखंड की पच्चीस वर्ष की विकास-यात्रा, विधायकों के योगदान से ही संभव हो पाई है। मैं आशा करती हूं कि जन-आकांक्षाओं को आप सब सक्रिय अभिव्यक्ति देते रहेंगे। मुझे विश्वास है कि 'राष्ट्र सर्वोपरि' की भावना के साथ आप सब राज्य को तथा देश को विकास-पथ पर तेजी से आगे ले जाएंगे। मैं उत्तराखंड के सभी निवासियों के स्वर्णिम भविष्य की मंगलकामना करती हूं।" राष्ट्रपति ने अभिभाषण के बाद सदन को धन्यवाद देते हुए जय हिंद, जय भारत कहने के साथ जय उत्तराखंड भी कहा। उनके अभिभाषण से पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, नेता सदन पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने उनके सम्मान में स्वागत भाषण दिया। 

संबंधित समाचार