QS Asia University Rankings 2026 : क्यूएस एशिया रैंकिंग्स-2026 में सीएसजेएमयू का रहा बेहतर प्रदर्शन, भारत में 156वां स्थान मिला
विश्वविद्यालय को एशिया में 901–950 रैंक बैंड, दक्षिण एशिया में 297वां स्थान और भारत में 156वां स्थान मिला
कानुपर, अमृत विचार। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) को क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स-2026 और क्यूएस साउथ एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स-2026 में स्थान प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय को एशिया में 901–950 रैंक बैंड, दक्षिण एशिया में 297वां स्थान और भारत में 156वां स्थान मिला, जो इसकी बढ़ती अकादमिक प्रतिष्ठा और क्षेत्रीय प्रभाव का प्रमाण है। सीएसजेएमयू ने यह फिर से वैश्विक उच्च शिक्षा परिदृश्य में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है।
सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो.विनय पाठक के मुताबिक क्यूएस एशिया रैंकिंग्स-2026 में एशिया की कुल 1,529 विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन किया गया, जिनमें से 294 भारत से थीं। विशेष रूप से एशिया से 554 और भारत से 137 नए संस्थानों की भागीदारी हुई, जिससे प्रतिस्पर्धा और भी तीव्र हो गई। इसके बावजूद सीएसजेएमयू ने अपनी सशक्त स्थिति बनाए रखी। 2026 संस्करण में सीएसजेएमयू ने एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में 37.9 फीसदी संस्थानों को पीछे छोड़ दिया है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 14.0 फीसदी ही था।
बताया कि विश्वविद्यालय का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला संकेतक अकादमिक प्रतिष्ठा रहा, जबकि सबसे अधिक सुधार अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क में देखा गया, जो इसके बढ़ते वैश्विक सहयोग और अनुसंधान दृश्यता को रेखांकित करता है। क्यूएस रैंकिंग्स विश्व के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय मूल्यांकन ढांचों में से एक हैं। क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स विभिन्न मापदंडों पर संस्थानों का आकलन करती है, जिनके संकेतक मिलकर शिक्षण गुणवत्ता, अनुसंधान उत्पादकता, अकादमिक प्रभाव और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग के फायदें
क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग सीएसजेएमयू की वैश्विक अकादमिक स्थिति को सुदृढ़ करती है। यह शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार में विश्वविद्यालय की गुणवत्ता को प्रदर्शित करती है और उसकी अंतरराष्ट्रीय दृश्यता को बढ़ाती है।
इससे विश्वविद्यालय की डिग्रियों की वैश्विक मान्यता और विश्वास में वृद्धि होती है। छात्रों इससे बेहतर करियर अवसर, उच्च रोजगार योग्यता और वैश्विक अकादमिक आदान-प्रदान का अवसर मिलेंगे। वहीं, विश्वविद्यालय के लिए यह अधिक अनुसंधान सहयोग, वित्त पोषण के अवसर और प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ साझेदारी का मार्ग प्रशस्त करता है।
पैरामीटर क्यूएस- 2026
एशिया यूनिवर्सिटी रैंक बैंड - 901–950 (कुल 1529 में से)
दक्षिण एशिया रैंक - 297
भारत रैंक - 156 (कुल 294 में से)
कुल प्रकाशित संस्थान - एशिया में 1529 और भारत में 294
नए प्रतिभागी संस्थान - भारत में 137 और एशिया में 554
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन संकेतक - अकादमिक प्रतिष्ठा
सबसे अधिक सुधार संकेतक - अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क
एशिया में पीछे छोड़े गए संस्थान (%) - 2025 में 14 फीसदी से बढ़कर 2026 में 37.9 फीसदी
