Bareilly: जिंदा लोगों को मृत दिखाकर विधवा पेंशन पर मौज करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में नटवरलालों के ऐसे-ऐसे, अजब-गजब कारनामें सामने आ रहे हैं-जिन्हें देखकर अधिकारियों के भी सिर चकरा जाते। संभल में बीमा क्लेम के नाम पर सिलसिलेवार हत्याओं के खुलासे के बाद अब बरेली में विधवा पेंशन फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। आरोपियों ने बाकायदा एक कंपनी बनाई और फिर जिंदा लोगों को मुर्दा दिखाकर, उनकी पत्नियों के नाम पर विधवा पेंशन लेने लग गए। बरेली की एसपी सिटी ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस केस में अब तक 1.23 करोड़ रुपये की धनराशि हड़पने की बात सामने आई है। पुलिस की जांच जारी है। संभव है कि ये नेटवर्क रुहेलखंड परिक्षेत्र के दूसरे जनपदों में भी विधवाओं के नाम पर ऐश कर रहा हो।

बरेली शहर की आकांक्षा एंक्लेव कॉलोनी की यासमीन जहां, जोकि नारी शक्ति-नारी सेवा सम्मान समिति की अध्यक्ष हैं-उनकी शिकायत पर आंवला पुलिस ने इस केस में मुकदमा दर्ज किया। हरीश समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया। सिलसिलेवार तरीके से जब केस की पड़ताल शुरू हुई तो प्याज की तरह धोखाधड़ी की परतें उधड़ती चली गईं। 

एसपी साउथ अंशिका वर्मा के मुताबिक, जांच में पता चला कि फतेहगंज पश्चिमी के अगरास गांव के धर्मेंद्र लाल ने समृद्धि जीवन निधि लिमिटेड के नाम से एक कंपनी गठित की। इस कंपनी में कई साझेदार बने। आरोपियों ने सरकारी योजनाओं की धनराशि हड़पने का प्लान बनाया। क्षेत्र के सीधे-साधे लोगों को चिन्हित किया। उनके फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कराए और उसके आधार पर विधवा पेंशन के लिए आवेदन कर दिया। एक जनसेवा केंद्र संचालक भी पकड़ा गया है, जो फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार कराने में मदद करता था। आरोपी जिंदा लोगों को मुर्दा साबित करके, उनके नाम पर विधवा पेंशन लेने गए। लेकिन आवेदकों के बजाय अपने परिचितों के एकाउंट नंबर लगाए। पेंशन राशि खाते में ही आते ही उसे अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर लिया करते थे। 

एक आरोपी धर्मेंद्र ने अपने साथियों संग मिलकर सात बैंक खातों से करीब 1.23 करोड़ रुपये का घपला कर दिया। बीते पांच साल-यानी 2021 से ये फर्जीवाड़ा चल रहा था और विकास भवन से लेकर क्षेत्र के तमाम अधिकारी बेफिक्र थे। शिकायत पर जांच के बाद आंवला पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया-जिनमें हरीश कुमार, प्रमोद, शांतिस्वरूप और मुनीष शामिल है।

एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने कहा कि प्रमोद समृद्धि सक्षम जीवन निधि लिमिटेड में ज्वॉइंट डायरेक्ट था, जबकि धर्मेंद्र डायरेक्टर। आंवला के बिलौरी गांव का शांतिस्वरूप जनसेवा केंद्र चलाता है। आरोपियों के कब्जे से कुछ फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी बरामद किए गए हैं। पुलिस इस केस की पड़ताल में जुटी है और संभव है कि अभी और भी आरोपी पकड़े जाएं। कुल मिलाकर, बरेली में एक बार फिर सरकारी योजनाओं में संगठित तरीके से सेंधमारी के मामले ने अधिकारियों को बेचैनी बढ़ा दी है। इसके साथ ही शासन-प्रशासन के समक्ष भी पारदर्शिता और पात्रों तक लाभ पहुंचाने की इस तरह की चुनौती से पार पाने का प्रश्न खड़ा कर दिया है।

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