पश्चिम का गिरोह कर रहा है राजधानी में ऑक्सीटोसिन का काला कारोबार, STF ने छापेमारी कर किया खुलासा, तीसरे आरोपी की तलाश

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : राजधानी लखनऊ में ऑक्सीटोसिन के अवैध कारोबार का बड़ा खुलासा हुआ है। एसटीएफ ने रविवार को गोमतीनगर के उजरियांव गांव में छापेमारी कर ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो बिना लाइसेंस ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाकर सप्लाई कर रहा था। एसटीएफ ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीसरा सदस्य नौशाद फरार है।

जांच में सामने आया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई गिरोहों ने लखनऊ में ठिकाना बना रखा है और मुस्लिम बस्तियों को आधार बनाकर अवैध कारोबार चला रहे हैं। गिरोह का नेटवर्क मेरठ, बागपत से लेकर लखनऊ तक फैला है। ये लोग बिहार से ऑक्सीटोसिन का पाउडर मंगवाकर इंजेक्शन तैयार करते और बेचते थे। एसटीएफ अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह के मुताबिक, गोमतीनगर के उजरियांव गांव में छापेमारी कर बागपत बड़ौत निवासी कयूम अली और मदेयगंज कदम रसूल निवासी मो. इब्राहिम को गिरफ्तार किया गया है। तीसरा आरोपी नौशाद, जो लक्ष्मी गार्डन मदीना मस्जिद, इंदिरापुरी थाना लोनी, जिला गाजियाबाद का रहने वाला है, फरार है। टीम उसकी तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके पास किसी प्रकार का लाइसेंस नहीं है। वे बिना बिल और बाउचर के ऑक्सीटोसिन खरीदते और बेचते हैं।

फल और सब्जियों में करते हैं ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल

आरोपियों ने स्वीकार किया कि ऑक्सीटोसिन का प्रयोग न केवल पशुओं में, बल्कि फलों और सब्जियों के विकास को तेज करने के लिए भी किया जाता है, ताकि उन्हें समय से पहले बाजार में बेचा जा सके। इसकी किसानों और उत्पादकों के बीच बड़ी मांग है। कयूम ने बताया कि वह, इब्राहिम और नौशाद मिलकर ऑक्सीटोसिन पाउडर, पैकिंग बोतलें और ढक्कन गाजियाबाद से लाते हैं। नौशाद सप्लाई की जिम्मेदारी संभालता है।

राजधानी में पहले भी पकड़े जा चुके हैं कई गिरोह

डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि राजधानी में ऑक्सीटोसिन बनाकर बेचने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं। बीते एक वर्ष में एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने करोड़ों रुपये के ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन जब्त किए हैं।

30 अगस्त 2025 को एसटीएफ ने पारा इलाके से चार तस्करों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से करीब दो करोड़ रुपये का ऑक्सीटोसिन बरामद हुआ था। पकड़े गए आरोपियों में ठाकुर इरफान, दिलदार, शाहनवाज और मो. साहेब शामिल थे। गिरोह का सरगना कानपुर निवासी इलियास अब भी फरार है।

इसी तरह 31 जनवरी 2025 को मदेयगंज क्षेत्र में एएसपी अमित नागर की टीम ने 70 लाख रुपये का ऑक्सीटोसिन और केमिकल जब्त किया था। वहीं, 2 जुलाई 2025 को पारा में तीन तस्करों को गिरफ्तार कर 1.20 करोड़ रुपये का ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बरामद किया गया था।

जीआरपी ने भी पकड़े करोड़ों के इंजेक्शन

22 दिसंबर 2024 को जीआरपी ने तीन तस्करों को गिरफ्तार किया, जो बिहार से अवैध रूप से ऑक्सीटोसिन लेकर आ रहे थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर, बाराबंकी आदि जिलों में किसानों, दवा कारोबारियों 
और पोल्ट्री फार्म संचालकों को इंजेक्शन सप्लाई करते थे।

वहीं, 16 नवंबर को चारबाग जंक्शन के पार्सलघर से 1.93 करोड़ रुपये का ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बरामद हुआ था, जिसे छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस से भेजा गया था।

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