UPSESSB: योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी शिक्षा आयोग अध्यक्ष की कमान संभालेगें समकक्ष अधिकारी 

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को अनुमति दे दी है। इस संशोधन के तहत अब आयोग के अध्यक्ष पद पर केवल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ही नहीं, बल्कि राज्य सरकार में प्रमुख सचिव या उनके समकक्ष पद पर कार्य कर चुके अधिकारी भी नियुक्त हो सकेंगे।

इसकी स्वीकृति कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मिल गई है। सेवा नियमावली में संशोधन होने के बाद शीघ्र ही आयोग को नया अध्यक्ष मिल सकता है। नियमावली में विस्तार से आयोग में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाना, परीक्षाओं को समयबद्ध तरीके से कराना और चयन प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाना है।

इससे पहले अधिनियम में यह व्यवस्था थी कि आयोग का अध्यक्ष वही व्यक्ति बन सकता है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा का सदस्य रहा हो और राज्य सरकार में प्रमुख सचिव या उसके समकक्ष पद पर कार्य कर चुका हो। लेकिन अब संशोधन के बाद यह दायरा बढ़ा दिया गया है। इसमें संशोधन करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा का सदस्य हो के स्थान पर राज्य सरकार में प्रमुख सचिव का पद या उसके समकक्ष पद पर हो या हो रहा हो प्रतिस्थापित किया गया है।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) अध्यादेश, 2025 का प्रख्यापन कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से स्वीकृत कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा उच्च, माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभागों में सहायक आचार्य, टीईटी, टीजीटी, पीजीटी जैसी परीक्षाओं को पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण ढंग से संचालित करने के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम, 2023 के तहत आयोग का गठन किया गया था। यह आयोग सभी स्तरों पर शिक्षा सेवा से जुड़ी भर्ती परीक्षाओं को एकीकृत, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से सुदृढ़ प्रक्रिया के माध्यम से संपन्न कराने के लिए जिम्मेदार है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि आयोग की कार्य-संरचना और इसके बढ़ते दायरे को देखते हुए, अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए पात्रता का दायरा विस्तारित किया गया है। अधिनियम की धारा 4(2)(क) में संशोधन करते हुए पूर्व प्रावधान भारतीय प्रशासनिक सेवा का सदस्य हो या रहा हो और राज्य सरकार में प्रमुख सचिव का पद या उसके समकक्ष पद धारण किया हो, के स्थान पर अब ‘राज्य सरकार में प्रमुख सचिव का पद या उसके समकक्ष पद पर हो या रहा हो’ प्रतिस्थापित किया गया है।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार का उद्देश्य है कि आयोग का नेतृत्व ऐसे अनुभवी, सक्षम और प्रशासनिक दृष्टि से दक्ष व्यक्तित्व को मिले, जो आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी आधारित परीक्षा प्रणाली को अपनाकर पारदर्शी और समयबद्ध भर्ती सुनिश्चित कर सके।

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