आसमान से उतरेगा ट्रैफिक जाम का सॉल्यूशन

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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कल्पना कीजिए कि आप एयरपोर्ट जा रहे हैं। सड़क पर भारी भीड़ के कारण ट्रैफिक रेंग रहा है। इस हाल में आपको फ्लाइट छूटने की चिंता सता रही है, लेकिन आप बेबस हैं और कैब में बैठकर सिर्फ व्यवस्था या यातायात जाम को कोसने के लिए विवश हैं। देश के ज्यादातर बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम के कारण 15 से 20 किमी का रास्ता तय करने में लोगों को डेढ़ से दो घंटे का वक्त लग जाता है, लेकिन जल्दी ही इस समस्या का समाधान होने वाला है। भारत में उड़ने वाली कारों या ई-एयर टैक्सी का नया युग उड़ान भरने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद आप देखेंगे कि वाहन केवल सड़कों और गलियों में ही नहीं, बल्कि हवा में भी चलते हैं। कैब की तरह आप इन्हें बुक कर सकेंगे। इसके अगले कुछ ही मिनटों में एक इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ एंड लैंडिंग (ईवीटीओएल) एयर टैक्सी आपके समीप आसमान से उतरेगी। आप उस पर सवार होंगे और कुछ ही पलों में बिना किसी रनवे या स्टेशन के आप हवा में उड़ान भर रहे होंगे। विज्ञान कथा जैसी यह उम्मीद देश में अगले चार-पांच सालों के भीतर हकीकत बनने जा रही है।-मनोज त्रिपाठी

बदल जाएगी शहरी परिवहन की तस्वीर

देश अब उस मोड़ पर है, जहां इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जमीन से आसमान तक पहुंच रही है। ईवीटीओएल यानी एयर टैक्सी, मतलब ऐसी उड़ने वाली इलेक्ट्रिक कारें, जो वर्टिकल तरीके से टेकऑफ और लैंडिंग कर सकती हैं, आने वाले वर्षों में शहरी परिवहन की तस्वीर को पूरी तरह बदल देंगी। ईवीटीओएल उन उड़ने वाली कारों जैसी ही हैं, जिन्हें हमने अक्सर विज्ञान फिल्मों में देखा है। जिस तरह से इनका विकास हो रहा है, उसके चलते कुछ ही वर्षों में इनका नियंत्रण रिमोट से हो जाएगा। ये टैक्सियां किसी विशेषज्ञ पेशेवर की निगरानी में स्वायत्त रूप से उड़ान भरेंगी और डेटा भेजने तथा वास्तविक समय में डिजिटल डेटा की निगरानी के लिए 5जी कनेक्शन का उपयोग करेंगी। इनमें इमेजिंग के लिए बिल्ट-इन हाई-डेफिनिशन कैमरे और अन्य नेविगेशन सिस्टम होंगे, जो हर समय यह पता देते रहेंगे कि वे कहां पर हैं।

200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग टैक्सियां लगभग 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती हैं। यह हेलीकॉप्टर जैसी लगती हैं, लेकिन इनके संचालन के लिए किसी हेलीपैड, ईंधन और रखरखाव जैसे महंगे खर्च की जरूरत नहीं होती है। यह किसी भी खुले मैदान या भवन की छत को अपने काम के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। इन वाहनों में आमतौर पर 6 यात्री तक बैठ सकते हैं। 

क्या है ईवीटीओएल तकनीक

(इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग) एक ऐसा विमान है, जो सीधे ऊपर और नीचे उतरने के लिए हेलीकॉप्टर की तरह इलेक्ट्रिक शक्ति का उपयोग करता है। यह बिना रन वे के उड़ान भरने और उतरने में सक्षम होता है, जिससे यह भीड़-भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में परिवहन के लिए आसान विकल्प है। इसी कारण इसे 'एयर टैक्सी' भी कहा जाता है। बैटरी संचालित होने के कारण यह टैक्सी पर्यावरण के अनुकूल और बिना किसी शोर के शांत उड़ान प्रदान करती हैं।

माल परिवहन व इमरजेंसी सेवाएं 

यह वाहन शहरी क्षेत्र में लोगों और सामान के परिवहन का एक नया साधन है। इसका उपयोग कार्गो डिलीवरी, ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स के लिए माल पहुंचाने में भी किया जा सकता है। यही नहीं, भीड़-भाड़ वाले शहरों में आपातकालीन सेवाओं और चिकित्सा आपूर्ति को तेजी से पहुंचाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

शहरों के ऊपर होगी आसान उड़ान

भारत सरकार की न्यू ड्रोन पॉलिसी और ग्रीन एविएशन मिशन के तहत ईवीटीओएल टैक्सियों के लिए नियम तय किए जा रहे हैं। नागर विमानन मंत्रालय ने इस तकनीक के लिए टेस्टिंग और एयर रूट सर्टिफिकेशन की दिशा में काम शुरू कर दिया है। बेंगलुरु, मुंबई, और दिल्ली-एनसीआर जैसे शहर सबसे पहले इस तकनीक को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। बेंगलुरु की स्टार्टअप स्काई शटल और सरला एविएशन तथा हैदराबाद की कंपनी द ई प्लेन ने अगले साल ट्रायल फ्लाइट्स शुरू करने की तैयारी कर रखी है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, महिंद्रा एयरो, और एचएएल जैसी कंपनियां भी ईवीटीओएल प्रोजेक्ट में निवेश कर रही हैं।

दोहरी राहत

देश के महानगरों में ट्रैफिक जाम का दंश हर रोज लाखों लोग झेलते हैं। जहां सड़क पर एक सफ़र में घंटों लग जाते हैं, वहीं ईवीटीओएल टैक्सी यही दूरी 10-15 मिनट में तय कर सकती है। इलेक्ट्रिक होने के कारण इन टैक्सियों से कार्बन उत्सर्जन लगभग शून्य होगा। यह न सिर्फ तेज और सुविधाजनक होंगी, बल्कि पर्यावरण के लिए भी वरदान साबित हो सकती हैं।

भारत है काफी बड़ा बाजार  

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के पास ईवीटीओएल का सबसे बड़ा संभावित बाजार है, क्योंकि यहां शहरी भीड़ और ट्रैफिक दोनों ही बड़ी समस्या हैं। अनुमान है कि अगले 10 सालों में भारत में 10,000 से अधिक ईवीटीओएल टैक्सियां काम कर सकती हैं। हालांकि ईवीटीओएल टैक्सी के सपने को साकार करने के लिए कई चुनौतियां भी हैं,  जैसे एयरस्पेस रेगुलेशन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सेफ्टी सर्टिफिकेशन। इसके अलावा, शुरुआती दौर में किराया भी आम लोगों के बजट से ऊपर हो सकता है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि अगर सब कुछ योजनानुसार चला, तो माना जा रहा है कि 2030 तक एयर टैक्सियां हमारे शहरी जीवन का हिस्सा बन जाएंगी। मोबाइल ऐप से बुकिंग, 5 मिनट में आसमान से उतरती टैक्सी, और अगले 20 मिनट में गंतव्य तक पहुंच।